इरफान अहमद
रुड़की रो रही है आंखे,, तड़प रहा है दिल ,,, ए चित्रेश जब तू तिरंगे में लिपट कर देव भूमि की गोद मे आया .,,,, जहां दो दिन पहले खुशियों का माहौल था । शहीद चित्रेश के पापा अपने बेटे को दूल्हा बनाकर घोड़ी पर बिठाने वाले थे ,,,माँ अपने लाडले का इंतज़ार कर रही थी ,,,कि कब वो आये और उनके लिए दुल्हन लेकर घर आये , पर उन्हें क्या मालूम था कि उनका लाडला तिरंगे में लिपटकर आएगा ।
राजौरी में शहीद हुए उत्तराखण्ड देहरादून के रहने मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर आज सुबह जैसे ही उनके पैतृक आवास तिरंगे में लिपटा हुआ पहुंचा तो परिवार और पूरी कालोनी में मातम पसर गया । आंखे रो रही थी दिल तड़प रहे ,देखते ही देखते जन सैलाब उमड़ पड़ा। पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ लाया गया।राजकीय सम्मान के साथ सलामी और श्रधांजलि दी।सेना के बड़े अधिकरियों सहित पुलिस के बड़े अधिकारी मौजूद रहे। कैबिनट मंत्री सतपाल महाराज,पूर्व सी एम हरीश रावत ने भी आवास पहुंचकर शहीद मेजर चित्रेश को श्रद्धांजलि अर्पित की।कुछ ही देर में अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर को हरिद्वार लाया जा रहा है। जहाँ जहां काफिला निकलेगा।वहां पहले से ही लोगो का भारी हुजूम उमड़ पड़ा है लोग श्रधांजलि देने के लिए वीर को सलाम करने के ये पहुंच गए है। दैनिक रुड़की टीम भी पुलवामा सहित राजौरी में शहीद हुए वीर जवानों को शत शत नमन करती है ।