जानिए महादेव से जुड़ें 3 अंकों का महत्व और रहस्य

0
360

इरफान अहमद

सभी जानते हैं कि महाशिवरात्रि आने वाली है और सभी महाशिवरात्रि में महादेव की पूजा और व्रत-विधि करते हैं। जिससे भोलेनाथ की कृपा आप पर बनी रहेगी। महादेव की सभी महिमाओं के बारे में सुना होगा, जो इस धरती को कई मुसिबतों से मुक्त करती है। सभी जानते हैं कि भगवान शिव के साथ हमेशा से 3 अंक का रहस्य जुड़ा रहता है, जैसे- जैसे उनके त्रिशूल में तीन शूल होते हैं। शिव की तीन आंखें हैं। शिव के माथे पर लगा त्रिपुंड भी तीन रेखाओं वाला होता है, वहीं शिव को भक्त जो बेलपत्र चढ़ाते हैं, आज हम आपको इससे जुड़ी कथा के बारे मे बताने जा रहे हैं-

शिवपुराण में बताए त्रिपुर दाह की कहानी से हम 3 अंक का महादेव के साथ संबंध के बारे में जान सकते हैं। जिसके अनुसार तीन असुरों ने अजेय बनने की कोशिश में तीन उड़ने वाले नगर बनाए। जिनको त्रिपुर कहा गया। इन नगरों को अद्भुत कौशल के साथ निर्मित किया गया।तीनों असुर अलग-अलग दिशाओं में उड़ते थे। जिनका सामना करना और भेद पाना बहुत ही मुश्किल था। पूरे लोकों में इन तीनों का हाहाकाल मच चुका था। जिससे परेशान होकर सभी देवगण भगवान शिव के शरण में गए और उनसे इसका हल पूछा।

देवगणों की प्रार्थना सुन कर शिव ने धरती को रथ बनाया। सूर्य और चंद्रमा को उस रथ का पहिया। मन्दार पर्वत को धनुष और काल के सर्प आदिशेष की प्रत्यंचा चढ़ाई। स्वयं विष्णु बाण बने। वे युगों तक इन नगरों का पीछा करते रहे जब तक वह क्षण नहीं आ गया कि तीनों पुर एक सीध में आ गए।

ऐसा होने पर भगवान शिव ने बाण चला दिया। तीनों नगर तुरंत ही जल कर राख हो गए। फिर शिव ने उन पुरों की भस्म को अपने शरीर पर लगा लिया। जब शिव ने इन पुरों को नष्ट किया तब विषयगत संसारों का प्रतिनिधित्व कर रहे सूक्ष्म जगत, सामाजिक संसार और व्यापक संसार भी नष्ट हो गए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here