सह संपादक अमित मंगोलिया
संपादक पीयूष वालिया
अहमदाबाद: 13 वर्षों से संस्कृति व समाज उत्थान के कार्यों में संलग्न सत्प्रेरणा संस्था की प्रेरणास्त्रोत व संस्थापिका प्रेरणामूर्ति भारतीश्री, जिन्हें प्रेम से भक्त “श्रीजी” कहते हैं, का अवतरण दिवस 15 दिसम्बर को बड़ोदरा के पास, व्यास क्षेत्र के गांव बरकाल में नर्मदा तट पर देर तक चले सत्संग कार्यक्रम के साथ सम्पन्न हुआ।
इससे पूर्व 14 दिसम्बर की रात्रि श्रीजी के सान्निध्य में “कीर्तन नाईट विद कैम्पफायर” मनाकर भक्तों ने सत्संग एवं भगवन्नाम कीर्तन का अद्भुत आनंद लिया। उल्लेखनीय है कि जहाँ एक ओर इस अत्यंत भौतिकतावादी युग में “नाईट विद कैम्पफायर” माँस-मदिरा तथा फिल्मी गानों के साथ अश्लीलता पूर्वक मनाई जाती है, वहीं श्रीजी ने इसे सत्संग व कीर्तन के साथ मनाकर समाज में एक अद्भुत मिसाल प्रस्तुत की है।
मीडिया प्रभारी नीलू अरोड़ा ने बताया कि अवतरण दिवस के अवसर पर भक्तों ने अपने प्यारे श्रीजी को गाय के गोबर से बनी जैकेट तो पहनाई ही, श्रीजी की पावन उपस्थिति में माँ नर्मदा को 1700 फीट लम्बी चुनरी अर्पण कर, दीपदान भी किया। यह दो दिवसीय कार्यक्रम सभी के लिये अविस्मरणीय रहा।