ऋषिकेश, 6 अक्टूबर। भारत में प्रत्येक वर्ष वन्यजीव सप्ताह 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जनसामान्य में वन्यजीवों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ायी जा सके।
भारत के जंगलों में वन्य प्राणियों की विभिन्न प्रजातियाँ पायी जाती हैं अतः उनके संरक्षण के लिये लोगों, परिवारों और प्रत्येक समुदायों को प्रकृति से जोड़ना, उनके अंदर प्राणियों के संरक्षण की भावना पैदा करना तथा वन्यजीवों व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूक करना ताकि विलुप्त हो रही वनस्पतियों, पशु-पक्षियों एवं प्राणियों को बचाया जा सके।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि मनुष्य प्रकृति, पर्यावरण और वन्यजीव एक-दूसरे से किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं। पर्यावरण से ही मानव का जीवन सम्भव है और पर्यावरण को स्वच्छ, शुद्ध व साफ-सुथरा रखने के लिये वनस्पति, पक्षियों एवं वन्यजीवों की सुरक्षा करना आवश्यक है। वनस्पति और वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य धरोहर है।