छोटे ,मंझोले शहर के बच्चों की बड़ी छलांग

0
367

बहुत पुरानी बात नहीं हैं जब दिल्ली, मुंबई और कुछ दूसरे बड़े शहरों के चंद एलिट स्कूलों तथा कॉलेजों के विद्यार्थी ही संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) तथा दूसरी खास परीक्षाओं में टॉप किया करते थे. वर्ष 2020 के यूपीएससी के परिणाम भी बहुत कुछ कहते हैं. इस परीक्षा में सोनीपत, हरियाणा के प्रदीप सिंह ने टॉप किया है. तीसरे स्थान पर सुल्तानपुर, यूपी की प्रतिभा वर्मा हैं.

पहले 25 स्थानों पर रहने वाले सफल परीक्षार्थी 11 राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल तथा उत्तर प्रदेश से हैं. यानी सफलता अब महानगरों या कुछ राज्यों के बच्चों तक ही सीमित नहीं रही है. आफताब और आंकाक्षा जैसे सैकड़ों नौजवान तमाम दिक्कतों और अवरोधों को पार कर सफलता की बुलंदियों को छू रहे हैं. इनमें अर्जुन-सी दृष्टि है.

ये जो भी सोचते हैं, उसे पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं. मेट्रो शहरों के बच्चों के विपरीत इन्हें अपने स्कूलों-कॉलेजों का सफर पूरा करने में घंटों नहीं लगते. यानी, मेट्रो या दूसरे बड़े शहरों के बच्चों की तुलना में इनके पास पढ़ने के लिए ज्यादा वक्त होता है. बेहतर अवसर मिलने का परिणाम यह हो रहा है कि वाल्मीकि समाज से आनेवाली डाॅ कौशल पंवार जैसी मेधावी लड़कियां भी दिल्ली विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ा रही हैं. हरियाणा के कैथल के निर्धन वाल्मीकि परिवार से आनेवाली डाॅ कौशल कहती हैं कि यदि आप लक्ष्य निर्धारित कर लें, तो सफलता अवश्य मिलेगी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here