“उतना ही ले थाली में बर्बाद न जाए नाली में” – बुटोइया
आयुष्मान भारत के स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन छात्र-छात्राओं में अच्छे व्यवहार एवं अच्छी आदतों से उनको लाभान्वित करने के उद्देश्य से चर्चा परिचर्चा कराई गई। जिसमें मसूरी व सहसपुर क्षेत्र के लगभग 200 अध्यापक अध्यापिकाए प्रतिभाग कर रहे है। यह ऑनलाइन प्रशिक्षण खंड शिक्षा अधिकारी सहसपुर पंकज शर्मा के निर्देशन में चल रहा है। प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर द्वारा स्वच्छता व स्वास्थ्य पर चर्चा के दौरान एक प्रश्न के जवाब में राजकीय इंटर कॉलेज छरबा के शिक्षक जितेंद्र सिंह बुटोइया ने कहा कि जिस प्रकार से आजकल शादियों का सीजन चल रहा है। उसमें एक नारा दिया जाना चाहिए –
“उतना ही ले थाली में बर्बाद ना जाए नाली में “
शिक्षकों के अनुभव को साझा करने के क्रम में उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न छात्र छात्राएं शिक्षकों के सहयोग से विभिन्न स्तरों पर विभिन्न ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं। शिक्षक ही वह माध्यम है जो सीबी राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है उसके बारे में कहा भी गया है कि शिक्षक कभी साधारण नहीं होता है प्रलय और विकास उसकी गोद में खिला करते हैं । भारत में भुखमरी की समस्या से निजात दिलाने के लिए हमें अध्ययन के माध्यम से विपिन उपयोगी चीजों को कूड़ा बनने से रोकना होगा।