पलायन आयोग का गठन मात्र एक शिगूफाः दिवाकर भट्ट

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देहरादून। उत्तराखण्ड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा कि राज्य का युवा हताश है। राज्य के बने इन 20 वर्षो में भाजपा और कांग्रेस ने राज्य की बदहाली के सिवाय कुछ नहीं किया। राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य का स्तर गिरा है। रोजगार व सुनियोजित विकास न होने के कारण राज्य का पलायन कई गुना बढ़ गया।
आज केंद्रीय कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए दिवाकर भट्ट ने कहा कि सरकार व सरकार के मुखिया केवल घोषणाओं तक सीमित हैं। युवाओं के भविष्य के चिंतित नहीं है। पलायन रोकने के लिये एक पलायन आयोग बनाकर शिगूफा फेंका है। स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने गांव में मकान बनाने की जगह गैरसैंण में बनाने का उदाहरण देकर क्या जताना चाहते हंै।
भट्ट ने कहा कि उक्रांद पूर्व से ही बड़े बांधों के खिलाफ रहा है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में योजनाओं को बनाने व निर्माण में पर्यावरण का ध्यान नहीं रखा गया। आज इसी का नतीजा है कि चमोली रेणी की आपदा से स्पष्ट है कि उत्तराखंड में विकास कार्यों में हुई लापरवाही से ज्यादा नुकसान हुआ। केदारनाथ आपदा से सरकारें नही चेती।
उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार अब सरकारी संस्थाओं को निजीकरण की ओर ले जा रही है। सरकार पूंजीपतियों के हवाले हो चुकी है। कोरोना से जिन लोगो का रोजगार छीना उनको रोजगार के नाम पर सरकार घोषणाओं तक सीमित है। उपनल कर्मचारी हड़ताल पर है। दल पूर्व में ही उपनल व पीआरडी कर्मचारियों के साथ खड़ी है। सरकार उनकी मांगों पर अविलंब सकारात्मक कदम उठाते हुये हल निकाले।
उन्होंने बताया कि उक्रांद की 27 व 28 फरवरी को हल्द्वानी में केंद्रीय कार्यसमिति के बैठक सुनिश्चित हुई है। कार्यसमिति की बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव लेकर ठोस रणनीतियों पर चर्चा की जानी है। प्रेस वार्ता में लताफत हुसैन, जय प्रकाश उपाध्याय, सुनील ध्यानी, धर्मेंद्र कठैत, देवेंद्र चमोली, अशोक नेगी, डॉ वीरेंद्र रावत, राजेन्द्र प्रधान,दीपक मधवाल आदि थे।