विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर छात्र- छात्राओं दी गई सामाजिक न्याय और कानूनी जानकारी

0
315

 

विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर छात्र- छात्राओं दी गई सामाजिक न्याय और कानूनी जानकारी

कोटद्वार। तालुका विधिक सेवा समिति पौडी की और राजकीय इंटर कॉलेज कण्वघाटी में को विश्व सामाजिक न्याय दिवस के अवसर पर शिविर का आयोजन किया गया । जिसमे छात्र- छात्राओं को सामाजिक न्याय और कानून जानकारी दी गई। सिविल जज जूनियर डिवीजन श्री विवेक राणा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि भारतीय संविधान में हमारे अधिकारों का उल्लेख है जिसमें अधिकारों के साथ हमारे कर्तव्य भी दिए गए हैं। कानून हमारी सुरक्षा के लिए आवश्यकता पड़ने पर सरकार द्वारा बनाया जाता है जिसका पालन करना हमारा कर्तव्य है। कानून का पालन करने से ही देश का विकास व हमारी सुरक्षा व्यवस्था बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए बराबर है किन्तु देखा गया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग न्याय की पहुंच से पिछड़ते जा रहे हैं जिससे ही आरक्षण की व्यवस्था कानून में की गई। इसी तरह गरीब वर्ग के लोग कानूनी लड़ाई में आर्थिक कमजोरी से पीछे रहते चले जा रहे थे जिसको ध्यान में रखते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 बनाई गई जिसमें निःशुल्क न्याय की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा शिक्षा का अधिकार, समानता का अधिकार, मोटर व्हीकल एक्ट, टोनही प्रताड़ना अधिनियम, अपहरण, सायबर क्राइम, लैंगिक शोषण तथा पाक्सो को विस्तार से बताया। शिविर में पीएलवी हरपाल सिंह, राखीपाल संदीप बिष्ट विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
कोटद्वार। तालुका विधिक सेवा समिति पौडी की और राजकीय इंटर कॉलेज कण्वघाटी में को विश्व सामाजिक न्याय दिवस के अवसर पर शिविर का आयोजन किया गया । जिसमे छात्र- छात्राओं को सामाजिक न्याय और कानून जानकारी दी गई। सिविल जज जूनियर डिवीजन श्री विवेक राणा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि भारतीय संविधान में हमारे अधिकारों का उल्लेख है जिसमें अधिकारों के साथ हमारे कर्तव्य भी दिए गए हैं। कानून हमारी सुरक्षा के लिए आवश्यकता पड़ने पर सरकार द्वारा बनाया जाता है जिसका पालन करना हमारा कर्तव्य है। कानून का पालन करने से ही देश का विकास व हमारी सुरक्षा व्यवस्था बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए बराबर है किन्तु देखा गया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग न्याय की पहुंच से पिछड़ते जा रहे हैं जिससे ही आरक्षण की व्यवस्था कानून में की गई। इसी तरह गरीब वर्ग के लोग कानूनी लड़ाई में आर्थिक कमजोरी से पीछे रहते चले जा रहे थे जिसको ध्यान में रखते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 बनाई गई जिसमें निःशुल्क न्याय की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा शिक्षा का अधिकार, समानता का अधिकार, मोटर व्हीकल एक्ट, टोनही प्रताड़ना अधिनियम, अपहरण, सायबर क्राइम, लैंगिक शोषण तथा पाक्सो को विस्तार से बताया। शिविर में पीएलवी हरपाल सिंह, राखीपाल संदीप बिष्ट विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।