हरीश रावत की चेतावनी के बाद बैक फुट पर आई सरकार अब नही हटाए जाएंगे उपनल कर्मी
देहरादून।पूर्व सीएम हरीश रावत की चेतावनी से डर गई उतराखण्ड सरकार अब बैक फुट पर आ गई है। उपनल कर्मियों की सेवा समाप्त किये जाने के आदेशों को किया निरस्त। लेकिन अन्य मांगे भी है इसलिए आंदोलन जारी है। दो हफ्ते से अधिक समय से आंदोलनरत उपनल कर्मियों की सरकार सुन ही नही रही थी। अचानक कांग्रेस के बरिष्ठ नेता पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक रोज पूर्व इस आंदोलन न सिर्फ समर्थन ही किया बल्कि सरकार को खुली चेतावनी भी दी थी,अगर उपनल कर्मचारियों को बर्खास्त करने का कदम सरकार द्वारा उठाया गया तो इसका पूरी तरह से बिरोध किया जाएगा। कांग्रेस इस आंदोलन को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएगी,उंन्होने अठारह मार्च को उपनल कर्मियों के समर्थन में उपवास रखने की भी घोषणा की थी।लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत की पोस्ट के चंद घंटे बाद ही सरकार हरकत में आ गई। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अफसरों के साथ बैठक कर निर्देश दिए कि पच्चीस फरवरी,छब्बीस फरवरी दो हजार इक्कीस के पूर्व पत्राचार आदेशो को निरस्त कर दिया जाय। राज्य में विभिन्न बिभागो में अपनी सेवा दे रहे बीस हजार से अधिक युवा युवतियों की नौकरी पर लटकी तलवार अब हट गई है।सेवा समाप्ति के संबंध में जारी आदेशो को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इस संबंध में उतराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण लिमिटेड के उप महाप्रबंधक कर्नल अवकाश प्राप्त मनोज रावत ने सभी बिभागो को पत्र जारी कर सूचना दे दी है। लंबे समय से आंदोलनरत उपनल कर्मियों ने सरकार और हरीश रावत का आभार प्रकट किया। वही पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी नई पोस्ट में कहा है कि सूचना मिली है कि राज्य सरकार ने एक शासनादेश निकाल कर यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी उपनल कर्मी को नही हटाया जाएगा। उंन्होने बताया कि सरकार के निर्णय के बाद अब वे अपने सांकेतिक उपवास को स्थगित कर रहे है।