पशुपालकों को आपदा के नियमों के तहत मिलेगा पशु नुक्सान का मुआवजा
लैंसडाउन वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले पशुपालकों के लिए राहतभरी खबर है. लैंसडाउन वन प्रभाग ने कार्य योजना तैयार कर वन्य जीवों से होने वाली पशु क्षति को आपदा के नियमों के तहत जोड़कर पशुपालकों को राहत देने की योजना बनाई है. इसके तहत गुलदार और टाइगर के द्वारा पशुपालकों के मवेशियों को नुकसान पहुंचाने पर मुवावजे की राशि में भारी बढ़ोत्तरी की है.
पहले गुलदार या टाइगर के द्वारा गाय को निवाला बनाने पर 15 हजार रुपये का मुआवजा वन विभाग की ओर से पशुपालक को दिया जाता था. लेकिन अब ये मुआवजा राशि बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दी गई है. वहीं गाय के बछड़े को गुलदार या टाइगर द्वारा निवाला बनाने पर पहले 500 रुपए का मुआवजा वन विभाग की ओर से दिया जाता था. आपदा के नियमों के तहत अब मुआवजा 16 हजार रुपये कर दिया गया है.
वहीं लैंसडाउन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक सिंह ने बताया कि पशु क्षति को अब आपदा के नियमों के तहत जोड़ दिया गया है. इससे उम्मीद है कि अब वन विभाग के पास पर्याप्त बजट उपलब्ध रहेगा. जो भी रियल केस होगा उसका निस्तारण समय पर कर दिया जाएगा.