सदन में पेश हुआ उत्तराखंड का आर्थिक सर्वेक्षण
उत्तराखण्ड राज्य का चतुर्थ आर्थिक सर्वेक्षण भाग- 01 वर्ष 2020-21 को अर्थ एवं संख्या निदेशालय, द्वारा तैयार किया गया है । विगत वर्षो की भांति आर्थिक सर्वेक्षण के इस संस्करण में राज्य की अर्थव्यस्था से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों एवं उनके उप क्षेत्रों की गत वर्षों की उपलब्धियों के साथ-साथ चालू वर्ष में आर्थिक क्षेत्र की उपलब्धियों को तथ्यात्मक रूप से विश्लेषण किये जाने का प्रयास किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 के आरम्भ में ही कोविड-19 महामारी की वैश्विक व्यापकता से विश्व देश तथा राज्य में जनजीवन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है मानवीय जीवन की सुरक्षा हेतु उठाये गये प्रशासनिक उपायों के कारण राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में तीव्रता से संकुचन हुआ है, जिसका प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था पर स्वाभाविक रूप से पड़ा है। राज्य की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का अहम योगदान है जिससे पर्यटन, मनोरंजन तथा होटल व्यवसाय के साथ-साथ शिक्षा, खेल-कूद एवं सामाजिक सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यद्यपि कृषि क्षेत्र एवं सीमित मात्रा में द्वितीयक क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों के संचलन के कारण आर्थिक नुकसान को न्यूनतम किये जाने के निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास की दर 4.2 प्रतिशत के सापेक्ष उत्तराखण्ड राज्य की आर्थिक विकास दर 4.3 प्रतिशत रही है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के नवीनतम अनुमानों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर ऋणात्मक आर्थिक विकास दर -7.7 प्रतिशत अनुमानित है राज्य सरकार द्वारा राज्य की विकास दर पर आर्थिक गतिविधियों में संकुचन के प्रभावों को न्यूनतम किये जाने के भरसक प्रयास किये जा रहे है।
वर्तमान दौर में स्वास्थ्य एवं गुणवत्तापरक जीवन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बन गयी है जिससे सरकार द्वारा इस क्षेत्र में सर्वाधिक प्रयास किये गये है, राज्य में मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के रिक्त पद त्वरित गति से भरे जा रहे है तथा स्वास्थ्य अवसंरचना सेवाओं में भी व्यापक वृद्धि की गयी है। कोविड-19 महामारी के समय आधुनिक संचार तकनीकी का प्रयोग छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने, विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण, समन्वय एवं समीक्षा जैसी गतिविधियों को सम्पादित करने में किया गया।
उत्तराखण्ड अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रदेश के राज्य कर्मचारियों एवं पेन्शन धारकों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किये जाने हेतु गोल्डन कार्ड बनाये जा रहे है। राज्य में रोजगार एवं स्वरोजगार के माध्यम से लोगों की आर्थिकी में सुधार के प्रयास के क्रम में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री सोलर योजना, पिरूल से बिजली बनाने जैसी नवोन्मेषी कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है । रोजगार को बढ़ावा देने हेतु राज्य के विकास के मूल प्रेरक (Growth Drivers ) उद्यान, पर्यटन, उर्जा, परिवहन, एवं उद्योग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है इस हेतु राज्य में ग्रोथ सेन्टर बनाकर राज्य के विकास के साथ-साथ वर्ष 2022 तक कृषकों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य प्राप्त करने हेतु एक जनपद-एक उत्पाद जैसी योजनाये प्रारम्भ की गयी है।
राज्य में नये पर्यटन स्थलों को विकसित करने साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने एवं पर्यटन स्थलो पर आधारभूत सुविधायें विकसित करने हेतु प्रदेश में निजी निवेशकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है । राज्य में आधारभूत सुविधाओं का निर्माण करने हेतु भारत सरकार की सहायता से ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलमार्ग का निर्माण. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट एवं जौली ग्राण्ट हवाई अड्डा को विस्तारित करने का कार्य किया जा रहा है, जिससे प्रदेश में सड़क, रेल, हवाई यातायात मे अपेक्षित सुधार आयेगा।