MDDA और SADA के पूर्व सचिवों और भूमाफियाओ पर होगा मुकदमा दर्ज

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MDDA और SADA के पूर्व सचिवों और भूमाफियाओ पर होगा मुकदमा दर्ज

देहरादून: पछवादून इलाके के अंतर्गत आने वाले विकासनगर, हरबर्टपुर, जीवनगढ़ और ढकरानी जैसे क्षेत्रों में करीब 400 बीघा भूमि के फलदार वृक्षों को काटकर अवैध रूप प्लॉटिंग मामले अब तक कि सबसे बड़ी कानूनी कार्रवाई सामने आई है. भूमाफिया से साठगांठ कर सैकड़ों बीघा भूमि खुर्दबुर्द मामले में 5 विभागों के पूर्व आलाधिकारियों सहित भूमाफिया पर मुकदमा का शिकंजा कसा गया है.

बता दें कि 2007 से 2014 के बीच बिना शासन की अनुमति के पछवा दून के तमाम बाग बगीचे नष्ट कर बिना लैंड यूज परिवर्तित किए 400 बीघा भूमि पर अवैध प्लाटिंग कराने का मामला सामने आया था. इस बड़े गोरखधंधे को लेकर याचिकाकर्ता अनुज कंसल के हाईकोर्ट में अपील दायर करने के बाद एसआईटी ने पूर्व सरकारी आला अधिकारियों सहित भूमाफिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी कर दी है.

अवैध प्लॉटिंग का खेल

मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी टीम ने प्रारंभिक जांच पड़ताल पूरी करने के बाद संबंधित विभागों के पूर्व अधिकारियों सहित भूमाफिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है. मामले में गठित की गई एसआईटी जांच की अध्यक्षता गढ़वाल रेंज डीआईजी और देहरादून एसएसपी के नेतृत्व में की जा रही है.

इन धाराओं में हुआ मुकदमा दर्ज
सैकड़ों बीघा कृषि और फलदार वृक्षों की भूमि पर अवैध प्लाटिंग मामले में एसआईटी ने जांच कर धारा 423, 217, 120 बी आईपीसी और धारा 4/10 उत्तर प्रदेश वृक्ष अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.

एसआईटी जांच में ये तथ्य सामने आए हैं.

1. भूमाफिया व कॉलोनाइजर द्वारा शासन की अनुमति के बिना बगीचों की भूमि का लैंड यूज परिवर्तित कराए बिना हरबर्टपुर, जीवनगढ़, ढकरानी क्षेत्र के करीब 400 बीघा भूमि अवैध रूप से विक्रय किए गए और कई भूखंडों के विक्रय पत्र में वृक्ष होने के बावजूद वृक्षों का ना होना दस्तावेजों में दर्शाया गया.

2. वर्ष 2007 से 2014 के बीच दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण के सचिव सहित प्रभागीय वन अधिकारी कालसी और जिला उद्यान अधिकारी के अलावा अलग-अलग विभाग के अधिकारियों ने भूमाफिया के साथ सांठगांठ कर सैकड़ों बीघा भूमि को ठिकाने लगाया. वही कई सौ करोड़ के इस अवैध प्लाटिंग फर्जीवाड़े में किसी भी भूमाफिया और बिचौलियों को संरक्षण देने का कार्य भी संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया. इतना ही नहीं शासन के आदेश के बावजूद किसी भी आरोपी के खिलाफ संबंधित अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.

थाना विकास नगर पुलिस के मुताबिक, गढ़वाल रेंज और देहरादून एसएसपी के आदेश पर अलग-अलग विभागीय पूर्व अधिकारियों और भूमाफिया के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. धारा 423, 217, 120 बी आईपीसी और 4 /10 उत्तर प्रदेश ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों के वृक्षों का संरक्षण अधिनियम 1976 के तहत भूस्वामी/कॉलोनाइजर, तत्कालीन सचिव SADA (वर्ष 2007 से 2014 के बीच), तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी कालसी, तत्कालीन जिला उद्यान अधिकारी देहरादून और संबंधित विभागों के अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.