संस्कृति की झलक : दिखने लगी पहाड़ो में होलियारों की टीम
विगत कई वर्षों से सतपुली की होलियार टीम पौड़ी
गढ़वाल के बड़े छोटे बाजारों में जाकर पारम्परिक रूप से होली के गीत गाते हैं
सतपुली । पहाड़ो से पलायन होने के कारण आज गाओं में युवाओं की संख्या न के बराबर है जिसका सीधा प्रभाव होली त्योहार पर भी पड़ा है।पहाड़ो में पहले लोग गांव गांव जाकर होली गाते खेलते थे लेकिन आज आधुनिक दौर में लोग इस त्योहार को भूल से गए हैं।सतपुली की होलियार टीम आज भी अपनी संस्कृति को बचाने के लिए व अपनी आने वाली पीढ़ी को जोड़ने के लिये व उनको ये दिखाने के लिए की कभी हमारे पूर्वज इसी तरह होली मनाते थे।टीम में मनीष खुगशाल स्वतंत्र , डबल मिया, धन्ना नेगी, प्रेम सिंह अंकल, आदि मौजूद रहे।