HC से यूपी सरकार को बड़ा झटका! लागू होगी सीट रिजर्वेशन पॉलिसी

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HC से यूपी सरकार को बड़ा झटका! लागू होगी सीट रिजर्वेशन पॉलिसी

यूपी में आगामी पंचायत चुनाव के लिए रिजर्व सीट पॉलिसी(UP Panchayat Election Reservation Policy)  को लेकर योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HC) में इस मामले पर एक जनहित याचिका दायर की गई थी. लखनऊ बेंच ने इस पर अपना रुख साफ करते हुए 2015 को आधार साल मानकर रिजर्वेशन पॉलिसी लागू करना का निर्देश दिया है. वहीं अब पंचायत चुनाव के लिए सरकार को 10 दिन एक्स्ट्रा दिए गए हैं.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा है कि पंचायत चुनाव में साल 2015 को आधार मानकर ही सीटों के लिए रिजर्वेशन पॉलिसी लागू (Reservation Policy As Year 2015) की जाएगी. कोर्ट के इस फैसले के बाद पंचायत चुनाव में देरी हो सकती है. हाईकोर्ट ने अब नई व्यवस्था के तहत 25 मई तक पंचायत चुनाव पूरा कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद गांव की कई पंचायतों के समीकरणों में बदलाव आएगा.

सरकारी वकील ने कोर्ट में इस बात को भी स्वीकार किया कि रिजर्वेशन रोटेशनरी में सरकार की तरफ से गलती हुई थी. साल 1995 को रिजर्वेशन का आधार माना गया. इसके साथ ही सरकार की तरफ से वकील ने नए रिजर्वेशन रोटशन ने लिए वक्त मांगा. कोर्ट ने सरकार को 15 की जगह 25 मई तक यूपी में पंचात चुनाव पूरा कराने का निर्देश दिया. कोर्ट ने पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के लिए 10 दिन और बढ़ा दिए हैं.

कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि रिजर्वेशन लागू किए जाने के मामले में साल 1995 को मूल मानकर ही 1995, 2000, 2005 और 2010 में चुनाव कराए गए थे. अजय कुमार ने जनहित याचिका में कहा था कि 16 सितंबर 2015 को एक आदेश जारी करते हुए साल 1995 की बजाय साल 2015 को मूल साल मानते हुए रिजर्वेशन लागू करने को कहा गया था.

 2015 को आधार मानकर लागू होगा रिजर्वेशन-HC

जब कि सरकार के उस आदेश में ये भी कहा गया था कि साल 2001 और 2011 की जनगणना के मुताबिक अब बड़ी संख्या में डेमोग्राफिक बदलाव हो गया है, इसलिए साल 1995 को मूल मानकर रिजर्वेशन लागू करना सही नहीं होगा. इसके साथ ही सरकार के आदेश में ये भी कहा गया कि 16 सितंबर 2015 के आदेश की जगह 11 फरवरी 2021 के आदेश को लागू किया गया है.