आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की मंजूरी के खिलाफ IMA की याचिका

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आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की मंजूरी के खिलाफ IMA की याचिका

आयुर्वेद डॉक्टरों को मेडिकल सर्जरी की इजाजत के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की
है. सुप्रीम कोर्ट ने IMA की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा है. आयुर्वेद मेडिकल एसोसिएशन के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह याचिका आयुर्वेद के डॉक्टरों का अपमान है. केंद्र सरकार ने बीते साल 20 नवंबर को आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी करने की इजाजत का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसके मुताबिक आयुर्वेद के डॉक्टर अब 58 तरह की सर्जरी कर सकते हैं.

IMA शुरू से ही केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा था. आयुर्वेद डॉक्टर को सर्जरी की प्रक्रिया के तहत 58 ऑपरेशन की सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CIIM) की ओर से मंजूरी दी गई थी. IMA ने अपनी याचिका में दावा किया है कि परिषद के पास आधुनिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने का अधिकार नहीं है. केंद्र सरकार ने आयुर्वेद के परास्नातक छात्रों को विभिन्न प्रकार की सामान्य सर्जरी और प्रोसीजर करने का प्रशिक्षण देने की इजाजत दी है. इसमें ऑर्थोपेडिक, ओफेथल्मोलॉजी, ईएनटी और डेंटल सर्जरी शामिल है. इसे नवंबर में सीसीआइएम ने गजेट में अधिसूचित किया था. नए संशोधन से आयुर्वेद चिकित्सकों के ऑपरेशन करने की प्रक्रिया को मान्यता देने से आधुनिक चिकित्सा के सदस्य इसकी आलोचना कर रहे हैं. आईएमए का कहना है कि इससे खिचड़ी मेडिकल प्रणाली बनेगी.

याचिका में आग्रह किया गया है कि सीसीआईएम के आदेश को खारिज किया जाए. साथ ही यह स्‍पष्‍ट किया जाए कि परिषद को सिलेबस में मॉर्डन मेडिसिन शामिल करने का अधिकार नहीं है. मालूम हो कि केंद्र सरकार ने नवंबर में आथोर्पेडिक, नेत्र विज्ञान, ईएनटी और डेंटल समेत कई तरह की सामान्य सर्जरी में आयुर्वेद के पीजी छात्रों को अनुमति दी थी.

सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (Central Council of Indian Medicine, CCIM) ने इंडियन मेडिसीन सेंट्रल काउंसिल (पोस्टग्रेजुएट आयुर्वेद एजुकेशन) रेगुलेशन, 2016 में संशोधन किया है, ताकि आयुर्वेद के पीजी डॉक्‍टर सामान्य सर्जरी कर सकें. इसके लिए आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों यानी डॉक्‍टरों को ऐसी सर्जरियों के लिए औपचारिक प्रशिक्षण लेने की जरूरत होगी. सरकार की ओर से किए गए संशोधन के मुताबिक, सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल को आयुर्वेदिक स्टडीज के सिलेबस में जोड़ा जाएगा.