कोटद्वार। दुगड्डा-राथुवाढाब-नैनीडांडा मोटर मार्ग का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने पूर्व में दिए अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरी मुख्यमंत्री से कोई द्वेष भावना नहीं है। मेरा कहना सिर्फ यह है कि अगर मार्ग पर डामरीकरण के दौरान अनियमितताएं पाई गई हैं तो उसकी जांच होनी चाहिए। लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने कहा कि मेरे पूर्व में दिए हुए बयानों में भी मैंने मुख्यमंत्री के आदेशों की कोई भी अवहेलना नहीं की। मेरे बयानों का गलत मतलब निकाला गया। मेरा तो सिर्फ यह कहना है कि अगर दुगड्डा-राथुवाढाब-नैनीडांडा मोटर मार्ग पर डामरीकरण के दौरान अनियमितताएं पाई गई हैं तो उसकी विभागीय जांच होनी चाहिए। जांच के दौरान जो भी अधिकारी या शिकायतकर्ता गलत पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि, दुगड्डा-राथुवाढाब-नैनीडांडा मोटर मार्ग पर निर्माण का 17 मार्च को एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने लोक निर्माण विभाग दुगड्डा खंड के जेई और ऐई को सस्पेंड कर दिया था। लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। मेरी आपत्ति इस पर है कि एक बार जांच करने के बाद कोई फैसला लिया जाना चाहिए। अगर काम गलत है तो निश्चित रूप से संबंधित अधिकारी के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति ने पूर्वाग्रह के कारण शिकायत की है और उसका उद्देश्य यह है कि उन्हें परेशान किया जाए और ब्लैकमेल किया जाए तो उसकी भी जांच होनी चाहिए।