राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी मिले तीरथ सिंह रावत से

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राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी मिले तीरथ सिंह रावत से

कोटद्वार।राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी मिले तीरथ सिंह रावत से मुख्यमंत्री बनने के पश्चात राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महासचिव ने मुख्यमंत्री से रखी पुरानी पेंशन बहाली की मांग।
रविवार देर रात 1:00 बजे पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने नवनियुक्त मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। अपनी मुलाकात में प्रदेश अध्यक्ष , प्रदेश महासचिव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष टिहरी जिले के उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शीघ्र पुरानी पेंशन बहाली के लिए ठोस कदम उठाने के लिए निवेदन किया। प्रदेश पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया की वर्तमान में प्रदेश में 80 हजार कर्मचारी ऐसे हैं जो नई पेंशन योजना के अंतर्गत आच्छादित हैं। पदाधिकारियों ने आदरणीय मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि नई पेंशन योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारी अत्यंत कम पेंशन पा रहे हैं जिससे उनका 1 सप्ताह हम भी गुजारा होना संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में वे सेवानिवृत्त कर्मचारी अत्यंत चिंतित हैं। अतः महोदय से निवेदन है कि किसी भी प्रकार से इस नई पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। अन्यथा की स्थिति में सभी कर्मचारी सड़कों पर आने के लिए विवश हैं। पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में मोर्चे के पदाधिकारियों से हुई तीन चरणों की बैठक में यह बात मोर्चे के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी के सामने रखी जिसे मुख्यमंत्री जी ने गंभीरता से देते सुना। मुख्यमंत्री जी का कहना है इस संबंध में केंद्र सरकार से शीघ्र वार्ता की जाएगी।
मोर्चा के पदाधिकारियों ने मीडिया से बात करते हुए बताया पुणे की संपूर्ण राज्य में कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अंतर्गत एकत्रित होकर आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो चुके हैं यदि पुरानी पेंशन शीघ्र बहाल नहीं होती है तो मजबूरन राज्य के समस्त कर्मचारियों को अपने भविष्य को देखते हुए सड़कों पर आना होगा जिसके लिए विभिन्न जिलों से संयुक्त मोर्चा ने प्रदर्शन प्रारंभ कर दिए हैं शीघ्र यह प्रदर्शन और उग्र होंगे और संभवत हम एक गम्भीर निर्णय लेने के लिए मजबूर होंगे। मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष श्री अनिल बडोनी ने बताया की सेवानिवृत्ति के बाद अत्यंत अल्प धनराशि की पेंशन में गुजारा ना हो पाने के कारण कुछ कर्मचारी अपने जीवन के साथ गलत कदम उठा रहे हैं यह निराशा इस हद तक बढ़ चुकी है। अब देखना यह है की हमारे प्रतिनिधि किस तरह से इस नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करेंगे । पुरानी पेंशन योजना जिसमें हमें हमारे वेतन के आधे के बराबर पेंशन प्राप्त होती थी और और हमारे बुढ़ापे में हम आत्म सम्मान से जी पाते थे उस आत्म सम्मान से अब हम वंचित हैं। मोर्चे के महासचिव सीताराम पोखरियाल का कहना है कि आत्मरक्षा के डर से जानवर भी आक्रमक हो जाता है हम तो फिर भी मनुष्य हैं और सेवानिवृत्ति के बाद अपनी सुरक्षा को जानकर प्रदर्शन करने करने वाले कर्मचारी किसी भी प्रकार से सरकार के विरोध में नही हैं अपितु वह योजना के विरोध में हैं। वह केवल अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और यदि सरकारी इस ओर ध्यान नहीं देती हैं तो यह पूरी तरह से निश्चित है की इसके गंभीर परिणाम होंगे। मोर्चे के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ डीसी पसबोला ने कहा कि इस नई पेंशन योजना से ना देश का भला हो रहा है ना ही कर्मचारी का केवल भला हो रहा है तो उन कॉर्पोरेट घरानों का जिन्हें इसका लाभ दिया जा रहा है क्योंकि इसमें लगी धनराशि शेयर मार्केट में लगी हुई है जिसके कारण अर्थव्यवस्था की गंभीर चोटें भी उस धनराशि को झेलनी पड़ रही है जिस कारण उस अंशदायी पेंशन योजना में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं हो पा रही है अतः सरकार से निवेदन है की पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए। टिहरी जिला उपाध्यक्ष मक्खन लाल शाह ने कहा कि कर्मचारी प्रत्येक तरह से अब अपने हक के लिए लड़ने के लिए तैयार है क्योंकि पेंशन किसी भी प्रकार का सामान्य लाभ नहीं है यह उसकी वर्षों की सेवा का परिणाम है जिसका वह संवैधानिक अधिकार रखता है अतः सरकार हम कर्मचारियों पर कृपा कर पुरानी पेंशन बहाल करें अन्यथा हम सभी अपने भविष्य के लिए अंतिम समय तक लड़ने के लिए तैयार हैं। साथ ही साथ ही भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबीनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, गणेश जोशी,खजानदास जी को भी मिलकर पुरानी पेंशन बहाली हेतु ज्ञापन के दिया गया जिसपर उनके द्वारा भी राज्य सरकार पर दबाव बनाये जाने हेतु आस्वस्त किया गया।