सिंचाई विभाग की लापरवाही, सूखने की कगार पर एक लाख शहतूत की पौध
मनोज नौडियाल कोटद्वार पौडीगढ़वाल
मांडई गांव में सिंचाई विभाग की लापरवाही से 1 लाख शहतूत की पौध सूखने की कगार पर पहुंच गई है।
कोटद्वार। दुगड्डा ब्लॉक के मांडई गांव में सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त होने से किसानों की 1 लाख शहतूत की पौध सूखने की कगार पर पहुंच गई है. मगर फिर भई सिंचाई विभाग के अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं. ग्रामीण कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों से इस मामले में मदद की गुहार लगा चुके हैं, मगर फिर भी अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी।
सिंचाई विभाग की लापरवाहीबता दें कि दुगड्डा ब्लॉक के मांडई गांव में लॉकडाउन के तहत प्रवासियों को रोजगार देने के लिए रेशम कीट पालने की सलाह दी गई थी। जिसके लिए उद्यान विभाग ने गांव के किसानों को शहतूत की पौध उगाने की ट्रेनिंग दी थी. जिसके बाद एक किसान ने अपने खेत में 1लाख 6 हजार शहतूत की पौध उगाई. मगर सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण यह शहतूत की पौध सूखने की कगार पर पहुंच गई है।
किसानों ने बताया कि नदी से लेकर खेतों तक नहर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है।कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इस संबंध के अवगत कराया गया है, मगर विभागीय अधिकारी सुनने तक को तैयार नहीं हैं।किसान ने बताया कि इस परेशानी के बारे में कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारी को लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराया गया, मगर फिर भी अधिकारी इसे टालते रहे।किसान का कहना है कि उसने अपनी जमा पूंजी से एक लाख से भी अधिक शहतूत की पौध उगाई है, लेकिन पानी की उपलब्धता न होने के कारण यह सूखने की कगार पर पहुंच गई है। वहीं, दूसरे किसान ने बताया कि खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा है।उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने अपने खर्चे पर नहर की मरम्मत करने की कोशिश की, मगर अभी तक खेतों में पानी नहीं पहुंच पाया है।
ब्लाक प्रमुख रुचि कैन्त्यूरा ने बताया कि एक महीने पहले भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया था कि वह ब्लॉक क्षेत्र में सिंचाई की नहरों की मरम्मत करें, क्योंकि ब्लॉक के अंदर सभी जगह सिंचाई विभाग की नहरें क्षतिग्रस्त हैं।जिसके कारण ग्रामीण सिंचाई के पानी के लिए परेशान हैं। मगर विभागीय अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है।ब्लॉक प्रमुख ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ब्लॉक के अंदर कोई भी विभाग विकास कार्यो में सहयोग नहीं कर रहा है। अगर जल्द ही सिंचाई विभाग ने अपनी नहरों की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया तो उनकी शिकायत जिलाधिकारी से की जाएगी।