स्वास्थ्य सेवाओं में कमी होने के कारण प्रसूती ने तोड़ा दम
उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या दशा है इसके बारे में क्या कहें और क्या ना कहें अब तो हमारी सरकार जिस प्रकार से अपनी कार्यशैली है बताते नहीं सकती है और उस कार्यशैली के उलट स्वास्थ्य सेवाओं के मामले सामने आते हैं तो कहने के लिए कोई शब्द ही नहीं बचते हैं बता दें कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल व्यवस्था से आज हर कोई वाकिफ हैं। हाल ये हैं कि पहाड़ के अस्पताल मात्र रेफर सेंटर बन कर रह गए हैं। जिसका खामियाजा आए दिन ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। आए दिन राज्य के किसी ना किसी हिस्से से ऐसी दुखद खबरें आती रहती है जब चिकित्सकों/उपकरणों की कमी के कारण या फिर समय पर उपचार ना मिलने के कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इसमें भी गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। आज फिर राज्य के उत्तरकाशी जिले से ऐसी ही दुखद खबर सामने आ रही है जहां हायर सेंटर रेफर की गई एक गर्भवती महिला ने अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही रास्ते में अपना दम तोड दिया।
गर्भवती महिला की मौत से जहां परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं क्षेत्र के लोगों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति रोष भी देखने को मिल रहा है। खुद मृतका के परिजनों का कहना है कि समय पर उपचार ना मिल पाने के कारण गर्भवती महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी। चिकित्सकों द्वारा महिला की मौत का कारण अधिक रक्तस्राव का होना बताया गया है।से राज्य के उत्तरकाशी जिले के पुरोला विकासखंड के बेस्टी गांव निवासी अरविंद की 30 वर्षीय पत्नी रक्सीना गर्भवती थी। बताया गया है कि बीते शनिवार को रक्सीना को प्रसव पीड़ा होने लगी। जिस पर परिजन उसे तुरंत सीएचसी पुरोला ले गए। परिजनों के मुताबिक अधिक रक्तस्राव होने के कारण सीएचसी पुरोला से चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर नौगांव अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन इससे पूर्व कि प्रसूता नौगांव अस्पताल पहुंच पाती उसने रास्ते में ही दम तोड दिया।
रक्सीना की आकस्मिक मौत से परिवार में कोहराम मच गया।
परिजनों का कहना है कि अगर समय पर उपचार मिल जाता तो शायद आज रक्सीना जीवित होती। पहाड़ की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर आरोप लगाते हुए उनका कहना है कि समय से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण रक्सीता को अपनी जान गंवानी पड़ी। परिजनों के साथ ही अन्य ग्रामीणों ने भी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरस्त करने की मांग सरकार से की है। ताकि फिर कभी ऐसा हादसा ना हो पाए।