तीरथ जी पूरे प्रदेश पर भारी पड़ सकता है आपका ये फैसला…
देहरादून । मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पूर्व सरकार के कुछ फैसलों कोे पलटने का संकेत दिया है। गैरसैंण मंडल और देवस्थानम बोर्ड के फैसले पर दोबारा विचार की बात कही तो इसका स्वागत हो रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा सवाल कुंभ के आयोजन को लेकर हो रहे हैं।
तीरथ सिंह रावत ने चार्ज संभालने का बाद सबसे पहले महाकुंभ को लेकर ही बयान दिया। कहा कि महाकुंभ महा ही होगा। इसमें किसी के भी आने पर कोई रोकटोक नहीं होगी। इसका भव्य आयोजन किया जाएगा और कोविड की निगेटिव रिपोर्ट लाना भी अनिवार्य नहीं होगा। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुंभ का सीमित आयोजन करने का फैसला लिया था। आदेश दिया था कि कुंभ में एंट्री तब ही मिलेगी जब कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दिखाई जाएगी। यह सब इसलिए किया गया था ताकि कोई संकट मोल न लिया जाए।
लेकिन अब तीरथ सिंह रावत ने बे रोकटोक कुंभ में एंट्री का फैसला तब लिया है जब देश में एक बार फिर कोरोना कुलांचें मार रहा है। महाराष्ट्र और पंजाब में हालात फिर खतरनाक हैं। ऐसे में गंगा स्नान की करोडो़ं लोगों की डुबकी कहीं उत्तराखंड को वुहान न बना दे।
सीएम तीरथ सिंह रावत ने निश्चित तौर पर ये फैसला इसलिए लिया है ताकि संत समाज खुश रहे। संत समाज ने उनका समर्थन भी किया है और उनको आशीर्वाद भी दिया है। सबकी धार्मिक आस्था का पर्व है महाकुंभ। ये भी सही है कि लोग इसका इंतजार 12 साल करते हैं। लेकिन यहां ये भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि लोग मौत का इंतजार नहीं करते।
हम भी कहते हैं कि कुंभ का आयोजन भव्य हो, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है। कुंभ में शामिल होने वाले हर व्यक्ति का रैंडम कोविड टेस्ट होना चाहिए ताकि किसी की वजह से कोई और इस जानलेवा वायरस का शिकार न हो।