जब जिले का एक भी जंगल आग से नहीं बचा है झूठी शपथ क्यों?
अल्मोड़ा १६ मार्च। इसे कहते है सिस्टम, सिस्टम का मुखिया कुछ बोल दे तो कुंभकर्ण जैसा महारथी भी उठ खड़ा होता है, ठीक यही हाल है अल्मोड़ा जिले का, जब पूरे जिले का एक भी जंगल आग से नहीं बचा है तो अचानक कुंभकर्ण की नींद खुलती है और मांगने लगता है पेट भरने के लिए अंड बंड। ठीक यही हाल जिला अल्मोड़ा का है , जिले का कोई जंगल ऐसा नहीं है जहां आग न लगी हो, लेकिन प्रशासन को क्या मतलब। जो लोग अल्मोड़ा को नहीं बचा सके, उनसे पूरे जिले को बचाने की उम्मीद करना तो दिवास्वप्न है।
खैर कुंभकर्ण की आखिरकार नींद खुली है तो मंगलवार को सुरक्षा सम्बन्धित बैठक मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में उन्होंने कहा कि वन सम्पदा एवं पर्यावरण को बचाने के लिए वनों में आग न लगे इसके लिए स्थानीय स्तर पर जन जगारूकता आन्दोलन चलाने होंगे। मुख्य विकास अधिकारी ने एनसीसी, एसएसबी, आईटीबीपी, महिला मंगल दल व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से प्रत्येक ब्लाॅक में एक सप्ताह के भीतर जागरूकता अभियान चलाने को कहा। इस अभियान में लोगो को वनाग्नि से होने वाली हानि व इसे रोकने के बारे में अवगत कराया जाय। अब जंगल तो पूरे के पूरे जल चुके हैं बाकी बचा अगर कुछ है तो वह है जंगल में आग रोकने के नाम पर सरकारी फंड को ठिकाने लगाने का, तो जारी कर दिया फरमान। अब इस फरमान से होगा क्या जब सारे जंगल जल चुके है?
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि विद्यालयों में बने ईको क्लब के छात्रों को भी समय-समय पर जागरूकता अभियान से जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि वनाग्नि से वनस्पति के साथ-साथ कई प्रजातियाॅ लुप्त हो रही हैं वन्य जीवों के साथ जंगलों को बचाने के लिए जनपद में प्रत्येक ग्राम पंचायतों, राजस्व विभाग, ग्राम पंचायत विभाग, ग्राम प्रधान, महिला एवं युवक मंगल दल आदि को जागरूक रहना होगा जिससे आस-पास में लगने वाले वनाग्नि को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि लगने वाली आग से कई दुष्परिणाम सामने आते है इसलिए वनों में किसी भी क्षेत्र में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर प्रबन्धन किये जाय।
इस बैठक में उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यालय में वनाग्नि रोकने से सम्बन्धित शपथ ली जाय इसके साथ-साथ विद्यालयों में भी यह शपथ दिलायी जाय जिससे लोगो में एक अच्छा संदेश जाए। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव ने वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए किये गये प्रबन्धन की जानकारी दी और सभी विभागों से सहयोग की अपेक्षा की। बैठक में अपर जिलाधिकारी बी0एल0 फिरमाल, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम आर0सी0 काण्डपाल, मुख्य शिक्षाधिकारी एच0बी0 चन्द के अलावा एनएसएस, एसएसबी, आईटीबीपी के अधिकारी व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।