बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भाजपा-कांग्रेस जिम्मेदार: भावना

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बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भाजपा-कांग्रेस जिम्मेदार: भावना

मरीज बिना इलाज के दम तोड़ रहे, नेता बताएं कि 20 साल क्या किया?

मरीजों को इंजेक्शन और आक्सीजन दो तो नेताओं की वोट होंगी पक्की

देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा है कि आज प्रदेश में कोरोना से हालात बेकाबू हैं। आम आदमी बिना इलाज के ही दम तोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नेता अपने इलाज के लिए चार्टेड प्लेन से दिल्ली चले जाते हैं लेकिन आम आदमी को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के भांजे को ही इलाज नहीं मिला। जब अस्पतालों में मंत्रियों की नहीं सुनी जा रही तो आम आदमी की कौन सुनेगा? उन्होंने कहा कि नेता बताएं कि उन्होंने 20 साल में अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाओं में क्या सुधार किया? उन्होंने कहा कि जनता इस बार भाजपा और कांग्रेस से पिछले 20 साल का हिसाब मांगेगी।

राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने भाजपा और कांग्रेस से पूछा कि देहरादून में ही जब मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है तो यदि कोरोना पौड़ी, अल्मोड़ा, टिहरी या नैनीताल में फैल जाए तो वहां जनता को कैसे इलाज मिलेगा? उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेश पर बारी-बारी 10 वर्षों तक शासन किया लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं किया। न तो अस्पताल ही बने और न ही पहाड़ों पर डाक्टर चढ़े। ऐसे में पर्वतीय जनपदों के मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।

भावना पांडे ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत से पूछा कि जब केंद्र सरकार से कोटद्वार में आक्सीजन प्लांट के लिए मंजूरी और एक करोड़ से भी अधिक की धनराशि आ चुकी थी तो वहां आक्सीजन प्लांट लगा क्यों नहंी? यदि वहां आक्सीजन प्लांट बन गया होता तो हरक रावत के भांजे को आक्सीजन के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ता। उन्होंने कहा कि आज मरीजों को दवाएं ब्लैक में मिल रही हैं। रेमडेसिविर के इंजेक्शन 30-30 हजार में ब्लैक किये जा रहे हैं। यदि कालाबाजारी नहीं रुक रही है तो साफ है कि सरकार फेल है। भावना पांडे ने कहा कि इन नेताओं को शर्म आनी चाहिए।

राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत पर भी सवाल उठाए कि महंगाई की रट लगाकर कांग्रेस सत्ता हासिल करना चाहती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा बताएं कि उन्होंने अपने शासनकाल में कहां-कहां अस्पताल खोले और कितने वेंटीलेटर और आईसीयू बेड उपलब्ध कराए? उन्होंने पूछा कि चमोली, टिहरी, अल्मोड़ा नैनीताल की। कालाबाजारी करने वालों पर अंकुश क्यों नहीं लग रहा है? सरकार कहां है? उन्होंने नेताओं को सुझाव दिया कि वो जनता के वोट शराब और पैसे से खरीदते हैं। इस बार यदि अपने क्षेत्र के कोरोना मरीजों को रेमडेसिविर के इंजेेक्शन और आक्सीजन उपलब्ध करा दो तो वोट पक्के हो जाएंगे। जबकि शराब से तो लोगों के लीवर खराब होंगे। भावना पांडे ने दो टूक शब्दों में कहा कि इस बार वोटर नहीं बिकेगा।

भावना पांडे ने दिल्ली सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड के 40 लाख प्रवासियों को रामभरोसे छोड़ दिया है। दिल्ली कीजनता इलाज के लिए त्राहि-त्राहि कर रही है और अरविंद केजरीवाल विज्ञापन देने में व्यस्त हैं। उन्होंने 150 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च किये हैं। दिल्ली में उत्तराखंड, यूपी और विहार के आम आदमी ने केजरीवाल को इसलिए वोट दिया था कि दिल्ली में उनकी भी सुनी जाएं, लेकिन अरविंद केजरीवाल की नजर तो प्रधानमंत्री की कुर्सी पर है। केजरीवाल उत्तराखंड और यूपी में भी सत्ता पर काबिज होना चाहता है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। भावना ने कहा कि उत्तराखंड पहले ही बर्बाद हो चुका है, ऐसे में आम आदर्मी पार्टी के मसंूबे पूरे नहीं होंगे।