गुटबाजी के कारण सल्ट में हारेगी कांग्रेस: भावना पांड

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गुटबाजी के कारण सल्ट में हारेगी कांग्रेस: भावना पांड
– कांग्रेस ने उम्मीदवार गंगा पंचोली को राम भरोसे छोड़ा
– सल्ट की जनता को उठाना होगा महेश जीना का बोझ
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि सल्ट उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी उम्मीदवार गंगा पंचोली को राम भरोसे छोड़ दिया है। कांग्रेस की गुटबाजी यहां भी नजर आ रही है। कांग्रेस की इस गुटबाजी का लाभ भाजपा को मिलेगा और सल्ट की जनता को ऐसे विधायक का बोझ झेलना पड़ेगा जिसे जनता या सामाजिक सरोकारों से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि युवा पूरी तरह से भटकाव में हैं। उन्होंने दावा किया कि यदि उनकी पार्टी का पंजीकरण हो गया होता तो सल्ट चुनाव में उनकी जीत होती।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि सल्ट में यदि कांग्रेस में गुटबाजी नहीं होती तो गंगा पंचोली की जीत तय थी। गंगा महिला है और भाजपा के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। लेकिन गंगा कांग्रेस की गुटबाजी और षडयंत्र का शिकार हो रही है। गंगा जनता से जुड़ी है लेकिन उसके पास धन की कमी है और प्रदेश भर के कांग्रेसी नेता मिलकर उसका चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि कांग्रेस अगले बार सरकार बनाने का दावा किस आधार पर कर रही है। उन्होंने कहा कि गंगा पंचोली के खिलाफ कांग्रेसी नेता रंजीत रावत भी नेगेटिव प्रचार कर रहे हैं क्योंकि वह यहां से अपने बेटे को राजनीति में उतारना चाहते हैं।
भावना ने कहा कि गंगा के पास चुनाव का भारी भरकम खर्च की कमी हो गयी है। एम्स दिल्ली में दाखिल कांग्रेस के नेता हरीश रावत लोगों से गंगा की मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन कांग्रेस का कोई नेता गंगा की मदद के लिए तैयार नहीं है। उधर, भाजपा के सभी नेता और मंत्रियों ने सल्ट में डेरा डाला हुआ है। भावना पांडे ने कहा कि यदि भाजपा को इस चुनाव में इतना खर्च करना था तो तीरथ सिंह रावत को यहां से क्यों नहीं उतारा गया?
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार महेश जीना का जनता से कोई मतलब नहीं है। वो दिल्ली में ही रहे हैं और उनको यहां की समस्याओं की कोई जानकारी नहीं है। जनता के पास मौजूदा समय में कोई विकल्प नहीं है तो उन्हें महेश जीना का बोझ ढोना होगा। भावना ने युवाओं से सवाल किया कि आखिर यह भटकाव क्यों? चुनाव में यदि दस दिन कोई उम्मीदवार शराब और चिकन पार्टी देता है तो पूरे साल युवाओं को इसका खमियाजा भुगतना पड़ता है। आखिर कब तक युवा इस तरह से शराब और पैसे के लिए बिकते रहेंगे? भावना ने कहा कि यदि उनकी पार्टी का पंजीकरण होता तो निश्चित तौर पर चुनाव में उनकी जीत होती।