हजारों करोड़ की परियोजना सुरक्षा मामले में गृह विभाग बना हुआ है बेखबर -मोर्चा
डाकपत्थर बैराज के हेड रेगुलेटर पुल का है मामला |
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1989 में किया गया अति संवेदनशील क्षेत्र घोषित |
परियोजना की सुरक्षा में पुलिस पिकेट रहती थी दिन-रात तैनात |
किसके आदेश पर पुलिस पिकेट हटाई गई गृह विभाग को नहीं खबर !
मोर्चा हजारों करोड़ की परियोजना सुरक्षा मामले में चुप नहीं बैठेगा|
विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी ने कहा कि जनपद देहरादून के डाकपत्थर बैराज यानि हेड रेगुलेटर पुल की सुरक्षा व्यवस्था के मामले में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29/11/1989 में उक्त क्षेत्र को अति संवेदनशील घोषित किया गया था तथा उसके क्रम में कई वर्षों तक दिन- रात पुलिस पिकेट तैनात रहती थी तथा उस पर आवाजाही लगभग प्रतिबंधित थी |
यहां तक कि मोटर कार, बस, ट्रक इत्यादि का नंबर आवागमन का समय तक का हिसाब पुलिस द्वारा रखा जाता था,लेकिन विगत कुछ वर्षों से वहां से पुलिस पिकेट हटा ली गई | शर्मा ने कहा कि इस मामले में जब गृह विभाग से जानकारी चाही गई तो गृह विभाग ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मामला पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड से संबंधित है |
हैरानी की बात यह है कि किसी अधिसूचित अति संवेदनशील क्षेत्र को बिना शासन की अनुमति के कैसे सुरक्षा विहीन किया जा सकता है | पुल की सुरक्षा व उसकी संवेदनशीलता के मामले में अभिसूचना विभाग तथा पुलिस खुद उक्त क्षेत्र को अति संवेदनशील मान चुका है | शर्मा ने कहा कि मोर्चा हजारों करोड की परियोजना को बर्बाद नहीं होने देगा |