अहम सवाल, देहरादून में हम कितने सुरक्षित?: भावना पांडे
– बीच शहर से एक युवक दिन-दहाड़े लापता, पुलिस ने नहीं ली कोई खबर
– कहीं यह मेरे खिलाफ षडयंत्र तो नहीं, मामले की हो जांच
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि राजधानी देहरादून में दिन-दहाड़े उनके आफिस में काम करने वाला युवक लापता हो गया। इसकी जानकारी पुलिस को दी गयी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अर्द्धमूच्र्छित अवस्था में युवक आधी रात को आईएसबीटी से चार किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर लौटा लेकिन पुलिस ने नाइट कफ्र्यू में भी उसे कहीं नहीं रोका। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल है और इस मामले की जांच होनी चाहिए।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि घटना प्रथम नवरात्र की है। उनका शहर के बीचोंबीच स्थित कनक चैक पर आफिस है। आफिस में नवरात्र की पूजा और हवन था। आफिस ब्याॅय इंद्रेश अस्पताल के निकट रहता है। वो अपने घर से बिना नाश्ता किये आफिस चला कि वो पूजा के बाद आफिस में खा लेगा। उसने अपनी पत्नी से एटीएम मांगा और 200 रुपये निकालने की बात कही। इसके बाद वो आफिस पहुंचा और डस्टिंग की। इसके बाद वो आफिस से नीचे गया तो लौटा ही नहीं।
भावना पांडे के मुताबिक उन्होंने सोचा कि उस दिन काम ज्यादा है तो वो बहाना मार कर छुट्टी कर गया। इस बीच उसे कई बार फोन भी किया तो फोन बंद मिला। रात लगभग दस बजे उसकी पत्नी ने रोते हुए बताया कि वो नहीं आया। इसके बाद भावना पांडे ने पुलिस को शिकायत की। पुलिस ने इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। भावना के मुताबिक उक्त युवक आधी रात को घर लौटा। उसका कहना था कि वो नशे की हालत में था और बस अड्डे के पास पड़ा था। उसकी जेब में एटीएम और 200 रुपये सुरक्षित थे।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि आखिर इस युवक के साथ क्या हुआ? क्या किसी जहरखुरानी गिरोह ने उसे अपना शिकार बनाया या उसका अपहरण किया जाना था? उनके अनुसार युवक को इस तरह से नशे की हालत में बस अड्डे कौन ले गया? उन्होंने कहा कि जहां उनका आफिस है वहां किसी तनेजा से और एक स्कूटर मैकेनिक से उनकी कहासुनी हो गयी थी क्योंकि स्कूटर मैकेनिक ने बहुत से स्कूटर सड़क पर खड़े किये होते हैं और इससे उनका बेटा एक बार टकरा गया था। उन्होंने आशंका जतायी कि कहीं यह कोई षड़यंत्र नहीं है? उनका नौ साल का बेटा आफिस से अक्सर नीचे आता है, तो उसकी सुरक्षा को लेकर आशंका होती है।
भावना पांडे के अनुसार कनक चैक के एक ओर सचिवालय है, तो दूसरी ओर कांग्रेस कार्यालय, सामने परेड ग्राउंड और भाजपा महानगर कार्यालय तो ऐसी जगह में यदि दिन दहाड़े कोई युवक गायब हो रहा है तो देहरादून में आम लोग कितने सुरक्षित होंगे? उन्होंने पुलिस द्वारा इस मामले में की गयी शिकायत को संज्ञान में न लिए जाने की निंदा की। उनके अनुसार पुलिस को इस मामले की जांच करनी चाहिए।