ऑटो पेमेंट को लेकर रिजर्व बैंक ने डेडलाइन बढ़ाने का किया ऐलान
ऑटो पेमेंट को लेकर रिजर्व बैंक ने डेडलाइन बढ़ाने का ऐलान किया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेकरिंग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की डेडलाइन को छह महीने से बढ़ाने का फैसला किया है. इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रिचार्ज, यूटिलिटी बिल जैसे कामों के लिए ऑटोमैटिक पेमेंट की सुविधा पर रोक का फैसला किया था. इसके लिए आरबीआई ने एडिशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन (AFA) की घोषणा की थी जो 1 अप्रैल से लागू होने वाला था.
हालांकि बैंक्स और पेमेंट्स गेटवे ने इसको लेकर सेंट्रल बैंक से एडिशनल टाइम की मांग की थी. 4 दिसंबर 2020 को रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों, RRBs, NBFCs और पेमेंट गेटवे को यह निर्देश दिया था कि 31 मार्च 2021 के बाद क्रेडिट या डेबिट कार्ड से , प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट, यूपीआई के जरिए ऑटो पेमेंट की सुविधा जारी नहीं रखी जा सकती है. रिजर्व बैंक ने ऐसा कार्ड ट्रांजैक्शन में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया है.
हाल ही में आरबीआई ने संपर्क रहित कार्ड के जरिए भुगतान और कार्ड तथा यूपीआई के जरिए खुद-ब-खुद बिलों के भुगतान की सीमा एक जनवरी से 2,000 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दी. इस पहल का मकसद डिजिटल लेन-देन को सुगम और सुरक्षित बनाना है. इस नए नियम के तहत बैंकों को नियमित तौर पर बिलों के भुगतान के बारे में ग्रहक को सूचना देनी होगी और ग्राहक से मंजूरी के बाद ही उसका भुगतान किया जा सकेगा. अत: इससे बिलों का भुगतान स्वत: नहीं होगा बल्कि ग्राहक से सत्यापन यानी मंजूरी के बाद ही हो सकेगा.
5000 से ज्यादा ट्रांजैक्शन के लिए ओटीपी हुआ जरूरी
नए दिशानिर्देश के तहत 5,000 रुपए से अधिक के भुगतान के लिए बैंकों को नए दिशा निर्देश के तहत ग्राहकों को ‘वन-टाइम पासवर्ड’ भेजना होगा. ई-वाणिज्य कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उद्योग अभी आरबीआई के निर्देश के क्रियान्वयन के लिए तैयार नहीं है. उसने कहा कि अगर आरबीआई ने नियम के अनुपालन को लेकर समय नहीं दिया तो एक अप्रैल से ग्राहक ने लेन-देन को लेकर जो ई- मंजूरी दे रखी है, बैंक उसका अनुपालन नहीं कर पाएंगे. इससे नियमित तौर पर बिलों के भुगतान और अन्य लेन-देन बाधित होंगे. इससे डिजिटल भुगतान को लेकर ग्राहकों का भरोसा टूटेगा.