तो भूख से दम तोड देंगी 1300 गाय़!
कर्ज में डूब गया हल्दूचैड़ का नित्यानंदपाद आश्रम, मुट्ठी भर घास के लिए तरस रहा गौवंश
क्या गौमाता के नाम की दुहाई देने वाले मदद को बढ़ाएंगे हाथ
हल्दूचौड़ में पिछले 15 साल से गौशाला चला रहे रमेश चंद्र इन दिनों देहरादून में सरकार, नेता और हिन्दुत्व की दुहाई देने वाले लोगों के दरवाजों पर ठोकरें खा रहे हैं। उनको नींद नहीं आ रही है कि उनकी 1300 गायें भूखी हैं। गायों को भूसा देने वाले मुसलमान व्यवसायी बहुत दुखी है। रमेश चंद्र ने उसको 20 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया है तो उसे आगे से भूसा भी नहीं मिल रहा है। आलम यह है कि रमेश आज लगभग चार करोड़ रुपये कर्ज में डूब चुका है। रमेश के अनुसार वो सीएम तीरथ सिंह रावत से भी मिले, उन्होंने सिडकुल के एमडी को सीएसआर फंड से सहायता के लिए लिखा है लेकिन लाख टके का सवाल है कि क्या समय पर मदद मिलेगी ?
रमेश चंद्र ने 2006 में हल्दूचौड़ में चार बैलों के साथ गौशाला शुरू की। देखते ही देखते उनके यहां आवारा, बांझ, बूढ़ी, बीमार और एक्सीडेंटल गाय आने लगी। उन्होंने अपनी चार एकड़ जमीन गौशाला के नाम की और नाम रखा नित्यानंदपाद गौशाला। यहंा पुलिस, हाईकोर्ट और निगम भी गाय छोड़ देता है। मौजूदा समय में उनके यहां 1300 गाय हैं। रमेश के मुताबिक 2017 तक सब ठीक चलता रहा। नोटबंदी के बाद लोगों ने दान देना कम किया और कोरोना काल में दान लगभग शून्य हो गया। इन गायों पर हर साल लगभग एक करोड़ रुपये का खर्च आता है। अब कर्ज चार करोड़ करीब पहुंच चुका है। रमेश रुआंसे होकर बताते हैं कि कोई उनकी मदद नहीं कर रहा। वो भी नहीं जो हिंदुत्व की दुहाई देते हैं और गौ माता का गुणगान करते हैं। रमेश, उनकी पत्नी और चारों बच्चों ने अपना समस्त जीवन, संपत्ति गौवंश की सेवा में समर्पित कर दिया हे।
मेरा सवाल धर्म के ठेकेदारों और भाजपा सरकार से है कि गाय और राम के नाम पर सत्ता हासिल की है तो यदि 56 भाजपा विधायक अपने एक एक माह का वेतन भी साल में एक बार गौशाला को दान कर दे ंतो 1300 गाय पल जाएंगी। गौमाता के नाम पर दर्जा धारी मंत्री बनने का दम्भ भरने वाले भाजपाई भी मदद के लिए आगे आए तो बात बने। कम से कम उस मुस्लिम भूसा व्यापारी का कर्जा ही चुका दे ंतो गायों को कुछ खाने को तो मिलेगा नही ंतो गौहत्या का पाप रमेश को नहीं इस सिस्टम और गौ के नाम पर राजनीति करने वालों को लगेगा। रमेश चंद्र का मोबाइल नंबर 9837131339 है।