हरिद्वार। कोरोना संक्रमित मृतक के परिजनों से एंबुलेंस चालक ने 80 हजार रुपये मांगे। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के सेवानिवृत्त एजीएम का शव 24 घंटे से एंबुलेंस में था। परिजनों की शिकायत पर मौके पर तहसील प्रशासन की टीम पहुंची। एसडीएम गोपाल सिंह ने एंबुलेंस को सीज किया। एंबुलेंस चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जीवन की अंतिम यात्रा पर भी अब आर्थिक बोझ पड़ रहा है। देहरादून में लोगों को कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट में महंगे खर्च की जद्दोजहद करनी पड़ रही है। इतना ही नहीं आसानी से एंबुलेंस भी नहीं मिल पा रही है। जबकि श्मशान घाट में कोरोना संक्रमितों के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए करीब चार हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
दून अस्पताल के बाहर मौजूद एक एंबुलेंस के चालक ने बताया कि कोरोना संक्रमित शव को शहर के श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिए करीब ढाई से तीन हजार रुपये लिए जा रहे हैं। वहां मौजूद एक कोरोना संक्रमित मरीज के परिजन ने बताया कि दूसरे अस्पताल में अपने मरीज को शिफ्ट करने के लिए पिछले दो घंटे से एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है। घंटों इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस वाले ऊंचे दाम बोल रहे हैं। लक्खीबाग स्थित मोक्ष धाम के पंडित अनिल शर्मा ने बताया कि बीते कुछ दिन पहले मोक्ष धाम के दो कर्मचारी कोरोना संक्रमित होने के बाद बाहर से कर्मचारी बुलाए गए थे। जिनकी मजदूरी अधिक होने के चलते अंतिम संस्कार के कुछ दाम बढ़ाए गए थे। लेकिन, कर्मचारियों के वापस लौटने के बाद अब एक अंतिम संस्कार के लिए तीन से चार हजार रुपये लिए जा रहे हैं।