म्यूकुरमाइकोसिस (पूर्व जाइगोमाइकोसिस) जिसे आम भाषा में ब्लैक फंगस कहा जाता है! जो की एक दुर्लभ लेकिन गम्भीर फंगल इन्फेक्शन है, जो की फंगल मोल्ड का समूह म्यूकुरमाइसीटीस के कारण होता है! यह मोल्ड ज्यादातर साधारण वातावरण जैसे मिटटी और सड़े गले पदार्थ में पाया जाता है! म्यूकुरमाइसीटीस आमतौर पर उन लोगो में बीमारी फैलाता है जो की पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित हो या जो कोई ऐसी दवा ले रहे हो जिसके कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आई हो! म्यूकुरमाइसीटीस सामान्यतः साइनस और फेफड़ों पर असर करता है साथ ही साथ स्किन में चोट लगने पर स्किन इन्फेक्शन भी फैला सकता है!
कोरोना और म्यूकुरमाइकोसिस में सम्बन्ध
कोरोना के इलाज के दौरान या फिर ठीक हो चुके मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है इस कारण म्यूकुरमाइसीटीस इन लोगो को अपनी चपेट में आसानी से ले लेती है तथा जिन मरीजों में पहले से शुगर की समस्या हो उनमें म्यूकुरमाइकोसिस खतरनाक रूप ले सकता है!
म्यूकुरमाइकोसिस के लक्षण इस बात पर निर्भर करते है की इन्फेक्शन शरीर के किस भाग में हो रहा है-
राइनोसेरेब्रल (दिमाग+साइनस) म्यूकुरमाइकोसिस
• एक तरफ या दोनों तरफ मुंह की सूजन का होना
• सिरदर्द
• साइनस और नज़ल कंजेस्शन
• नाक में काले घाव का होना
• मानसिक स्तिथि में बदलाव
• आँखों में लालिमा !
पल्मोनरी (फेफड़े) म्यूकुरमाइकोसिस
• बुखार
• खांसी
• सांस लेने में तकलीफ
• छाती में दर्द
म्यूकुरमाइकोसिस से कैसे बचे
• शुगर को कंट्रोल में रखे
• कोरोना के इलाज और हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद भी शुगर की जाँच करते रहे
• एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओ का सावधानी से प्रयोग करे
• स्टेरोईड्स को ध्यान से ले
• मिटटी या पौधो की देखभाल करते समय जूते, पजामा, पूरी बांह की शर्ट और दस्ताने पहने
• जब भी बाहर जाये खासतौर पर धूल वाली जगह पर तो मास्क का उपयोग जरुर करे !
नोट: म्यूकुरमाइकोसिस इन्फेक्शन ज्यादातर उन मरीजों में देखा गया है जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके है लेकिन उनमें शुगर, किडनी या हार्ट फेल तथा कैंसर की बीमारी हैl अगर आपको इनमें से कोई समस्या है तो इन लक्षणों को लेकर सावधान रहें!
संगीता कुमार (एमएससी माइक्रोबायोलॉजी)
फैकल्टी डीएमएलटी डीपीएमआई देहरादून