कर्नल कोठियाल वाले बयान पर कायम: भावना पांडे
कहा, गलत मंशा से नहीं की कर्नल पर टिप्पणी
रैबार कार्यक्रम से पहले की घटना, पत्रकार मंजीत नेगी ने किया था आयोजन
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि उन्होंने पूर्व कर्नल अजय कोठियाल पर गलत मंशा से कोई आरोप नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि यह घटना 2017 में रैबार कार्यक्रम की है। इसका आयोजन आज तक के पत्रकार मंजीत नेगी और उनके एनजीओ ने किया था। उन्होंने कहा कि वो अपने बयान पर कायम हैं और इस घटना के गवाह सांसद अजय भट्ट हैं, जिन्होंने कर्नल कोठियाल और पीड़ित पक्ष के बीच मध्यस्थता करायी थी।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि उनका इरादा कर्नल अजय कोठियाल की छवि खराब करने का नहीं था। एक पत्रकार वार्ता में जब उन्हें ब्रह्मास़्त्र कहा गया तो उन्होंने कर्नल कोठियाल की उस घटना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चूंकि वो एक महिला हैं, इसलिए महिलाओं की अस्मिता के सवाल पर उन्होंने यह जवाब दिया था कि यदि देहरादून जैसे शहर के नामी होटल में इस तरह की वारदात महिला के साथ होती है तो प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा कौन करेगा?
भावना पांडे ने कहा कि कर्नल कोठियाल पर लगाए गये आरोप पर वो कायम हैं। उनके मुताबिक रैबार कार्यक्रम 5 नवंबर 2017 में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में आयोजित किया गया था जिसमें जनरल विपिन रावत, सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी, भास्कर खुल्बे सेक्रेटरी प्रधानमंत्री कार्यालय, अश्वनी लोहानी चेयरमैन रेलवे बोर्ड, राजेंद्र सिंह डीजी कोस्ट गार्ड समेत कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट भी मौजूद थे। इसमें कर्नल कोठियाल ने भी भाग लिया। इससे पहले मधुबन होटल में कर्नल कोठियाल पर महिला के साथ अभद्रता करने का आरोप गरमा गया। इस कारण प्रधानमंत्री के एक निकटस्थ अधिकारी ने दिल्ली से यहां आना सही नहीं समझा।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि रैबार का आयोजन आज तक के पत्रकार मंजीत नेगी और उनकी एनजीओ द्वारा किया गया था। सरकार ने मंजीत नेगी के एनजीओ को पैसा भी दिया। उत्तराखंड सरकार ने जनता का पैसा खर्चा भी किया। यह भी जांच का विषय है जनता बेहाल है और उस समय त्रिवेंद्र सिंह रावत अपनी अपनी छवि बनाने के लिए पत्रकारों के एनजीओ को पैसा दे रहे थे बड़ा आयोजन कर रहे थे। उन्होंने भाजपा सरकार पर सवाल उठाया कि उस दौरान सरकार इसे उत्तराखंड विजन 2020 कह रहे थे आज 2021 आ गया लेकिन विजन गुल है। भाजपा को इसका जवाब देना होगा। उन्होंने जनता से अपील की है कि अब समय आ गया है कि जनता अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को इनकी करनी का जवाब दें।