संवाददाता
देहरादून, 24 मई। एक सप्ताह के दौरान राज्य में कोरोना संक्रमण की दर आधी हो गई। कोरोना काल के 61 वें सप्ताह के दौरान संक्रमण की दर 22 प्रतिशत के करीब थी। जबकि 62 वें सप्ताह की समाप्ति पर राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 11 प्रतिशत के करीब है।
राज्य में कोरोना के नए मरीजों में कमी और ठीक होने वालों की संख्या में इजाफे के बावजूद मौत के आंकड़ों में कोई कमी नहीं आ रही है। 62 वें सप्ताह के दौरान मौत के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इस सप्ताह कोरोना संक्रमण के बाद कुल 1111 मरीजों की मौत हुई है। कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद से यह आंकड़ा किसी भी सप्ताह में सर्वाधिक है। लेकिन इसके पीछे एक वजह यह भी है कि इसमें पहले छिपाई गई मौत के आंकड़े भी शामिल हैं जो 355 के करीब हैं। जबकि कोरोना काल के 61 वें सप्ताह के दौरान राज्य में कुल 1075 मरीजों की मौत हुई थी। गौरतलब है कि राज्य में कोरोना सैंपलिंग बढ़ने के बावजूद मरीजों की संख्या में कमी आई है। पिछले एक सप्ताह के दौरान उससे पहले के सप्ताह के मुकाबले अधिक सैंपलों की जांच की गई लेकिन फिर भी मरीजों की संख्या में खासी गिरावट दर्ज की गई है। इससे राज्य में संक्रमण के काबू में आने के संकेत मिल रहे हैं। कोरोना काल के 62 वें सप्ताह के दौरान 16 से 22 मई के बीच राज्य में कुल दो लाख 47 हजार सैंपलों की जांच की गई जिसमें कुल 27 हजार के करीब कोरोना के नए मरीज मिले हैं। जबकि इससे पिछले सप्ताह में राज्य में कुल एक लाख 97 हजार सैंपलों की जांच की गई और 44 हजार के करीब मरीज मिले थे। यानी लगभग पचास हजार के करीब अधिक सैंपलों की जांच के बावजूद 62 वें सप्ताह में 18 हजार कम कोरोना मरीज मिले हैं। यही नहीं इस सप्ताह के दौरान मरीजों के ठीक होने का ग्राफ भी तेजी से सुधरा है। 62 वें सप्ताह के दौरान कुल 48 हजार के करीब मरीज ठीक हुए हैं। जबकि इससे पहले के सप्ताह में 34 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनूप नौटियाल कोरोना काल के 62 वें सप्ताह के आंकड़ों को सुखद मानते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में मौत चिंता का कारण है और अभी राज्य में पूरी सावधानी बरते जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लापरवाही अभी भी राज्य के लोगों पर भारी पड़ सकती है।