कोरोना से अधिक बदइंतजामी से हो रही मौत: भावना पांडे
अस्पतालों में पेयजल की सुविधा भी नहीं, सरकार पर सवाल
सरकार मंत्री-विधायकों की अस्पताल निरीक्षण की जिम्मेदारी तय करें
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों में अव्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। इस कारण कोरोना से अधिक व्यवस्था के कारण मरीजों की मौत हो रही है। यदि अस्पतालों में व्यवस्थाएं ठीक होती तो कोरोना से होने वाली मौतों में कमी आ जाती। उन्होंने प्रदेश के दो बड़े अस्पतालों में स्टाफ और पर्याप्त सुविधाएं न होने पर चिन्ता जतायी। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया है कि अस्पतालों के निरीक्षण और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी मंत्रियों और विधायकों को दी जाएं।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि आज अधिकांश अस्पतालों में मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। कुछ प्रशासनिक गलतियां हैं तो कुछ व्यवस्था में कमी। कुछ इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। सभी मरीजों को एक ही वार्ड में रखा जा रहा है तो इससे भी मरीजों में संक्रमण बढ़ रहा है। इस कारण दिनों-दिन कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। भावना पांडे ने कहा कि प्रदेश में दो बड़े अस्पताल हैं। कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी और गढ़वाल स्थित एचएनबी अस्पताल। दोनों ही बड़े अस्पतालों में सुविधाएं नहीं हैं। 50 मरीजों पर एक स्टाफ है। सुशीला तिवारी अस्पताल में मरीजों को पीने के पानी की किल्लत है। उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल प्रशासन 24 धंटे तक अस्पताल में मरीजों को पेयजल भी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है तो ऐसे में मरीजों को दवाएं मिल रही होंगी, यह विचारणीय प्रश्न है।
भावना पांडे ने सरकार से अपील की है कि वो दवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि इस संकटकाल में कुछ लोग मौत के सौदागर बन गये हैं। आपदा को अवसर के तौर पर देख रहे हैं। आज हल्द्वानी से भी लोग दवाएं लेने के लिए देहरादून आ रहे हैं। प्रदेश के सभी अस्पतालों में कोरोना की दवाएं सुनिश्चित होनी चाहिए। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को कोरोना किट समय पर दी जाएं। उन्होंने कहा कि मरीज घर में अधिक सुरक्षित है और अस्पताल में इलाज न मिलने पर दम तोड़ रहा है।
भावना पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री कोरोना संकट को लेकर अधिकारियों के साथ बड़ी-बड़ी बैठक ले रहे हैं लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है। उन्होंने सलाह दी कि सीएम सभी मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र के अस्पतालों में इलाज और अन्य व्यवस्थाओं के निरीक्षण की डयूटी लगाए। भावना ने चेतावनी दी कि यदि सरकार अस्पतालों की हालत में सुधार नहीं करती है तो इसकी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से सरकार की होगी।