हिमंत बिस्वा सरमा होंगे असम के नए सीएम, विधायक दल की बैठक में हुआ फैसला

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हिमंत बिस्वा सरमा होंगे असम के नए सीएम, विधायक दल की बैठक में हुआ फैसला

कई दिनों तक चली माथापच्ची के बाद हिमंत बिस्वा सरमा के असम के नए मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। गुवाहाटी में बीजेपी विधायकों की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई। अब वह जल्द ही असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले निवर्तमान सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यपाल जगदीश मुखी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
विधायक दल की बैठक में लगी मुहर
गुवाहाटी के लाइब्रेरी ऑडिटोरियम में बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक हुई। इस दौरान केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा अरुण सिंह, बीएल संतोष और बीजे पांडा भी मौजूद रहे। विधायक दल की बैठक में हिमंत बिस्वा सरमा को नेता चुना गया। उनके नाम की पहले से चर्चा हो रही थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल को केंद्र में भेजा जा सकता है। 2016 में असम का सीएम बनने से पहले भी सोनोवाल मोदी सरकार में खेल मंत्री थे।
बीजेपी की असम जीत के नायक हिमंत
असम में नए मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी कशमकश में थी। पार्टी आलाकमान ने हिमंत बिस्वा सरमा और सर्बानंद सोनोवाल दोनों को दिल्ली बुलाया था। दोनों नेताओं से पहले अलग-अलग और फिर एक साथ बिठाकर बात की गई थी। इसके बाद से ही हिमंत का नाम सीएम की रेस में आगे चल रहा था। बताते चलें कि असम में लगातार दूसरी बार बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। हिमंत बिस्वा सरमा का जोरदार प्रचार अभियान बीजेपी की जीत की अहम वजहों में से एक माना जा रहा है।कौन हैं हिमंत बिस्वा सरमा
हिमंत बिस्वा सरमा असम की जालुकबारी विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं। इस बार उन्होंने 1 लाख 1,911 वोटों के बंपर मार्जिन से जीत दर्ज की है। 2015 में हिमंत बिस्वा सरमा ने बीजेपी को जॉइन किया था। राज्य में प्रभाव के मामले में वह सोनोवाल से किसी मायने में कम नहीं हैं। 2016 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में असम में बीजेपी की जीत के साथ ही हाल में सीएए विरोधी प्रदर्शन और कोरोना के हालात को संभालने में उनकी अहम भूमिका रही है। 2016 में असम विधानसभा चुनाव जीतने के ठीक बाद हिमंत को बीजेपी ने नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) का अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद उन्होंने पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया।