शिखर पर रहकर अपनी जड़ों से जुड़े रहने की सीख

0
178

शिखर पर रहकर अपनी जड़ों से जुड़े रहने की सीख
 पिता जनार्दन बलूनी के आदर्शों को जीवन में उतार रहे बलूनी बंधु
 शहीदों के बच्चों के बाद अब कोरोना से अनाथ बच्चों को देंगे फ्री शिक्षा-कोचिंग
सूबेदार जर्नादन बलूनी ने लगभग तीन दशक तक सेना में रहकर देशसेवा की। जिंदगी की एक जंग उन्होंने पिछले कुछ दिनों में लड़ी है। उनकी हालात अब खतरे से बाहर हैं। उनके बेटे डा. नवीन बलूनी और विपिन बलूनी ने तय किया है कि वो कोरोना की जंग में अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा का बीड़ा उठाएंगे। अनाथ बच्चों को पहली से 12वीं कक्षा की शिक्षा बलूनी ग्रुप निशुल्क देगा। साथ ही यदि बच्चा मेडिकल या इंजीनियरिंग करना चाहता है तो उसे फ्री कोचिंग दी जाएगी।
पिता के दिये जीवन मूल्यों की सीख का परिणाम है कि बलूनी बंधु आज व्यवसाय के शिखर पर रहते हुए भी अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं। बलूनी बंधु उत्तर भारत में अग्रणी मेडिकल और इंजीनियरिंग कोचिंग सेंटर बलूनी क्लासेस के संचालन के साथ ही बलूनी पब्लिक स्कूल भी संचालित करते हैं। इसकी देहरादून, कोटद्वार, मथुरा, आगरा समेत कई शाखाएं हैं। बलूनी ग्रुप पिछले साल से ही कोरोना वारियर्स के बच्चों को फ्री कोचिंग दे रहा है। साथ ही देश रक्षा में शहीद हुए सैनिकों के बच्चों को भी निशुल्क शिक्षा देता है। बलूनी ग्रुप कोरोना महामारी के इस दौर में जरूरतमंदों को राशन, दवाएं और अन्य जरूरी सामान भी उपलब्ध करा रहा है। निसंदेह, बिजनेस सब करते हैं, लेकिन व्यापार करते हुए जनहित तो कम ही लोग करते हैं। बलूनी बंधुओं की इस पहल को सैल्यूट।