गणेश जोशी के बचाव में मंत्री हरक ने किया त्रिवेंद्र रावत पर जुबानी हमला
देहरादून: कोरोना महामारी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मंत्री गणेश जोशी के बीच जारी कोल्ड वॉर के बाद एक अन्य मंत्री भी मैदान में उतर आए हैं. गणेश जोशी के बाद अब कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी ये माना है कि पहली लहर के दौरान सरकार ने तैयारी करने में भारी चूक की. यही नहीं, मंत्री हरक सिंह रावत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को महामारी के इस दौर में टीका-टिप्पणी और एक दूसरे की टांग खींचने से बचने की नसीहत भी दी.
‘इसको लापरवाही और कमी दोनों कह सकते हैं, क्योंकि किसी को यह नहीं मालूम था कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आएगी. पूरी सरकार अपने आप में मस्त हो गई थी. उसी लापरवाही की वजह से ही मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत और उनके मंत्रियों पर एकदम बोझ बढ़ गया है, लेकिन कोरोना से निपटने के लिए सभी मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है’.
जोशी के इस बयान के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें अनुभवहीन मंत्री बताया था और उनकी टिप्पणी को महत्वहीन करार दिया था.
अब मंत्री गणेश जोशी के साथ हरक सिंह रावत भी खड़े हो गए हैं. उन्होंने साफ कहा कि राज्य में पहली लहर के बाद सरकार की तरफ से जो तैयारी होनी चाहिए थी, उसमें भारी चूक हुई है. सरकार की तरफ से कोरोना को लेकर कोई तैयारी ही नहीं हो पाई और इस मामले में सरकार और जनता दोनों ने ही कोरोना को नजरअंदाज कर दिया.
हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गणेश जोशी को अनुभवहीन मंत्री बताने के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गणेश जोशी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे हैं और कई बार के विधायक भी हैं. ऐसे में वह अनुभवहीन कैसे हो सकते हैं. हरक ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें इस तरह की टीका-टिप्पणी करने से बचना चाहिए. यह वक्त किसी को नीचा दिखाने या टांग खींचने का नहीं है. ऐसे वक्त में भी राजनीति देखी जाएगी तो इससे बड़ी नीचता कुछ नहीं हो सकती. यह वक्त लाशों पर राजनीति करने का नहीं है और ऐसा घृणित काम नहीं करना चाहिए.
गौर हो कि ये पहला मौका नहीं है जब त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उनपर जुबानी वार हुए हों. गणेश जोशी से पहले हरक सिंह रावत ने भी प्रदेश में कोरोना वायरस से बिगड़ रहे हालातों को लेकर कहा था कि अगर पुराने मुख्यमंत्री भी रहते तो इन परिस्थितियों में क्या ही कर लेते.