जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित

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राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा रुद्रप्रयाग के सेवाभाव कार्यक्रम के अंतर्गत रुद्रप्रयाग के सभी क्रांतिकारी संघनिष्ठ साथियों के प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष असीम सहयोग से मोर्चे ने जनपद रुद्रप्रयाग के कुछ जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित करते संगठन के लोग
कोटद्वार।राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा रुद्रप्रयाग के सेवाभाव कार्यक्रम के अंतर्गत रुद्रप्रयाग के सभी क्रांतिकारी संघनिष्ठ साथियों के प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष असीम सहयोग से मोर्चे ने जनपद रुद्रप्रयाग के कुछ जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित किया, जिसमे 1 परिवार बनियाडी, 2 परिवार सौड़ी, 2 परिवार रुमसी, , 2 परिवार डंगवाल गांव, 1 परिवार पीपल कोटि ग्राम रायडी,और 2 परिवार चौंड उन तक हमें राशन पहुँचाने की सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ, डंगवाल गांव में एक परिवार ऐसा है जिसने हाल ही में अपनी पत्नी और माँ दोनों को 5 दिन के अंतराल में खोया है, उनके घर पर भी पछताव संवेदना व्यक्त करने गए
आज की सेवा में संगठन के साथी मुख्य संरक्षक शंकर भट्ट और जनपदीय अध्यक्ष अंकित रौथाण उपस्थित रहे। श्री महेंद्र चौहान जी,श्री कालीचरण रावत जी उपस्थित रहे।राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सन्युक्त मोर्चा के गढ़वाल मंडल महासचिव नरेश कुमार भट्ट ने बताया कि मोर्चा हमेशा सेवा के लिए तत्पर है और हर व्यक्ति व समाज के दुःख विपत्ति में निरन्तर प्रयासरत रहेगा और उन्होंने कहा कि मोर्चा अधिकारियों,शिक्षकों,कर्मचारियों व आमजनमानस के साथ तादात्म्यभाव की तरह जुड़ा है।तदनन्तर सेवा के क्रम में जनपद रुद्रप्रयाग के समस्त “आयुवैदिक एवं यूनानी” विभाग में शंकर भट्ट,रणवीर सिन्धवाल,अंकित रौथाण,डॉ0विकास दुबे के सफल नेतृत्व में समस्त सेवाकार्मिकों को फ्रंटलाइन की महत्वपूर्ण सेवा को देखते हुए मास्क,सेनिटाइसर फेसशील्ड को राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा रुद्रप्रयाग के द्वारा बांटा गया अंकुश नौटियाल, रजतकुमार,प्रवीण घिल्डियाल आदि मौजूद रहे।आयुर्वेदिक एवं यूनानी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह राणा ने मोर्चे के निरन्तर की जा रही सेवाभाव कार्यक्रम की सराहना की।आयुर्वेदिक एवं यूनानी एसोसिएशन की ओर से जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी स्वदेश रावत एवं डॉ0ए0के0 तिवारी ने मोर्चे की भूरि भूरि प्रशंसा की।मोर्चे के उपस्थित पदाधिकारियों शंकर भट्ट और अंकित रौथाण ने मोर्चे के सेवाभाव कार्यक्रम का श्रेय प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोगी कार्मिकसाथियों को दिया।