राजभवन महामारी में वेंटिलेटर पर क्यों – नेगी
राजभवन पर रघुनाथ नेगी ने लगाये गंभीर आरोप।
प्रदेश में मचा है कोहराम, राजभवन फरमा रहा आराम !
क्या रोजाना 500 मौतों के बाद जागेगा राजभवन !
अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित भी सरकारी अव्यवस्थाओं के चलते तिल-तिल मरने को मजबूर |
मोर्चा राजभवन को ऐशगाह नहीं बनने देगा |
विकासनगर – राजभवन पर गंभीर आरोप लगाते हुवे जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में महामारी ने हर तीसरे- चौथे परिवार को अपनी चपेट में ले रखा है, जिसके चलते प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन इतनी मौतों व तमाम अव्यवस्थाओं के बावजूद राजभवन आज भी कोमा में ( वेंटिलेटर पर) है |
नेगी ने हैरानी जताई कि प्रदेश में रोजाना सरकारी आंकड़ों में 100 से अधिक मौतें हो रही हैं, जबकि वास्तविक आंकड़ा कुछ ज्यादा है, लेकिन इस महामारी में राजभवन की भूमिका सरकार पर नकेल कसने के बजाय ऐशोआराम फरमाने पर ज्यादा है |
राजभवन की कार्यशैली एवं निकम्मे पन से ऐसा प्रतीत होता है कि राजभवन प्रदेश में रोजाना 500 मौतों के बाद ही जागेगा ! नेगी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के पीड़ित संसाधनों के अभाव में तिल- तिल मरने को मजबूर हैं तथा अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज भी इलाज के अभाव में अस्पताल दर अस्पताल की ठोकरें खाने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार जनता को राहत दे पाने में नाकाम साबित हो रही है |
सरकारी इंतजामात की हालत देखकर प्रदेश की जनता में भय घर कर गया है | मोर्चा राजभवन से मांग करता है कि कोमा से बाहर आकर प्रदेश की जनता की सुध लेने हेतु सरकार पर चाबुक चलाए |