उत्तराखंड में लॉकडाउन को लेकर इतनी झिझक क्यों?

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उत्तराखंड में लॉकडाउन को लेकर इतनी झिझक क्यों?

अरुण प्रताप सिंह
पांच मई बुधवार को उत्तराखंडमें 7783 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए। 1.2 करोड़ की जनसंख्या वाले इस पहाड़ी राज्य में जिस तेज गति से कोरोना की दूसरी लहर ने पैर पसारे हैं, वह गहरी चिंता का विषय है। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का इतनी तेजी से प्रसार हो रहा है कि राज्य देश में कोरोना की उच्चतमसंक्रमण दर(पॉजिटिविटी) वाले राज्यों में शुमार हो गया है। उत्तराखंड में 28 अप्रैल से 4 मई, 2021 तक औसत संक्रमण दर 17.5 के स्तर पर रही। यहां तक किचमोली (22.3) औरपौड़ीगढ़वालजैसेदूरस्थपहाड़ीजिलोंमेंभीसंक्रमण कीदर बहुत अधिक है। 28.6 प्रतिशत संक्रमण दर के साथ नैनीताल संक्रमण दर में सबसे चल रहा है और इसके बावजूद वहां पर अभी तक कोरोना की टैस्टिंग में तेजी नहीं आई है। नैनीताल में टैस्टिंग बहुत कम चल रही है। 28 अप्रैल से शुरू होने वाले और 4 मई को समाप्त होने वाले इस पूरे सप्ताह में, नैनीताल में किए गए टैस्ट की कुल संख्या सिर्फ 17,007 थी, जबकि इस सप्ताह के दौरान देहरादून में किए गए कुल टैस्ट 64,377 थे और हरिद्वार में आयोजित किए गए कुल टैस्ट 84,675 थे। हरिद्वार सप्ताह के लिए 6.8 प्रतिशत पर सबसे कम संक्रमणदर जारी रखे है जबकि हरिद्वार में कुंभ के कारण सबसे अधिक तेजी से कोरोना का प्रसार होने की आशंका व्यक्त की जारही थी। देहरादून चार मई को समाप्त होने वाले सप्ताह के दौरान 25 प्रतिशत की उच्च संक्रमणदर दिखा रहा है, जिसका अर्थ साफ है कि देहरादून में कोरोना की टैस्टिंग कम से कम दुगना करने की जरूरत है।
जिस तेजी से कोरोना ने पहाड़ी जनपदों समेत समूचे उत्तराखंड में पैर पसारे हैं, जाहिर है, कोविड कर्फ्यू के रूप में करार दिया गया आंशिक लॉकडाउन महामारी के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ने के लिए पर्याप्त प्रभावी नहीं रहा है और ऐसा प्रतीत होता है कि श्रृंखला को तोड़ने और महामारी के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम एक पखवाड़े के लिए सख्त लॉकडाउन की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, सरकार इतनी उच्च संक्रमणदर के बावजूद पूर्ण ताला लगाने में संकोच करती दिखाई दे रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने मंत्रिपरिषद के साथियों के साथ अनौपचारिक विमर्श किया पर इसके बावजूद राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन पर सहमति नहीं बन पाई। सूत्रों का हालांकि यह दावा है कि कई मंत्रीगण राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में थे। सूत्र यह भी दावा करते हैं कि राज्य के कई वरिष्ठ नौकरशाह भी कम से कम एक पखवाड़े के लॉकडाउन के समर्थन में हैं पर इसके बावजूद सरकार का लॉकडाउन को लेकर इतना झिझकना समझ से परे है। यदि केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर नज़र डालें तो पता लगेगा कि केंद्र भले ही पूरे देश में लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हो पर जहां जहां भी संक्रमण दर दस प्रतिशत से अधिक हैं, वहां पर उसने राज्य सरकारों को परिस्थितियों के मद्देनज़र लॉकडाउन की अनुमति दी है। इसके बावजूद उत्तराखंड में लॉकडाउन को लेकर इतनी झिझक क्यों ? उत्तराखंड का पड़ोसी राज्य हिमाचल भी 16 मई तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर चुका है जबकि वहां पर संक्रमण उत्तराखंड के मुकाबले काफी कम है और वहां पर भी भाजपा की ही सरकार है।
बुधवार देर शाम राज्य के तीन जनपदों देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में 10 मई तक के लॉकडाउन की घोषणा जरूर की गई पर इतनी छोटी अवधि से संक्रमण की श्रंखला टूट पाएगी, इसमें संदेह है। यह विचारणीय प्रश्न है कि कम से कम 16 मई तक के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा क्यों नहीं की गई।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार शाम को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन से पता चलता है कि पिछले 24 घंटों में 127 मौतों के साथ पिछले 24 घंटों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 7783 नए मामले सामने आए। देहरादून में कुल 10,613 टैस्टमें से 2771 मामलों के साथ उधम सिंह नगर के मामलों का नेतृत्व करना जारी रहा और इसके बाद केवल 2776 टैस्टमें से 1043 के साथ जिसका मतलब 37 प्रतिशत की संक्रमण दर रही। इतने कम टैस्ट क्यों किए जा रहे हैं, यह सभी संबंधितों के लिए और विशेष रूप से सरकार के लिए बहुत चिंता का विषय होना चाहिए। पूरे राज्य में, 43,489 नमूने बुधवार कोटैस्ट के लिए प्रयोगशालाओं में भेजे गए थे। उच्च संक्रमणदर को देखते हुए, टैस्ट को कहीं अधिक बढ़ाए जाने की आवश्यकता है, लेकिन यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में टैस्टसंख्या वास्तव में बढ़ाई जाएगी कि नहीं।
एक सकारात्मक बात यह अवश्य रही कि बुधवार व गुरुवार को टीकाकरण अभियान ने फिर से गति पकड़ ली है। बीच के कई दिनों में वैक्सीन की कमी के कारण टीकाकरण काफी प्रभावित हो गया था। बुधवार को 42,268 व्यक्तियों के साथ कुछ गति प्राप्त की, अब राज्य में आंशिक रूप से टीकाकरण करने वालों की कुल संख्या 17,01,989 तक जा पहुंची है और पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों की संख्या यानि कि उनकी संख्या जिन्हें दो टीके लग चुके हैं, अब 480,484 हो गई है। पिछले दो दिनों लगभग दो लाख टीके राज्य को मिले हैं तो उम्मीद की जानी चाहिए कि टीकाकरण राज्य में तेजी से होगा। हालांकि 18 से 45 वर्ष की आयु के नागरिकों का टीकाकरण कब से शुरू होगा यह बताना अभी मुश्किल है पर माना जा रहा है कि मई के पहले पखवाड़े के अंत तक इस वय के नागरिकों का टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है।