ज्योतिष की विश्वसनीयता को लेकर बाबा रामदेव ने उठाये सवाल

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ज्योतिष की विश्वसनीयता को लेकर बाबा रामदेव ने उठाये सवाल

एलोपैथी के बाद ज्योतिष कार्य को इंडस्ट्रीज बताने वाले योग गुरु स्वामी रामदेव के बयान की ज्योतिषाचार्यों और ज्योतिष के जानकारों ने कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि योग गुरु अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। अपना कार्य तो उन्हें बेहतर लग रहा और दूसरों के कार्यों को वह इंडस्ट्रीज बता रहे हैं। योग गुरु ने खुद आयुर्वेद के नाम पर अरबों की इंडस्ट्री खड़ी कर ली है। वह पहले अपने गिरेबान में झांकें उसके बाद दूसरों पर अंगुली उठाएं।

बाबा रामदेव ने कहा था कि ज्योतिषाचार्यों की पचास से एक लाख करोड़ रुपये की इंडस्ट्री है। उनके इस बयान से धर्मनगरी के ज्योतिषाचार्य नाराज हैं। उनका कहना है कि बाबा अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। आयुर्वेद और योग के साथ ही ज्योतिष भी हजारों साल पुराना है। बाबा को इसके बारे में पूरी जानकारी जुटानी चाहिए। उन्हें वेदों व पुराणों का अध्ययन करना चाहिए।

ज्योतिषाचार्यों ने रखी अपनी राय
ज्योतिष को वेद का चक्षु कहा गया है। वेद के छ अंग है। शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद, एवं ज्योतिष, अर्थात ज्योतिष वेद का अंग है। बिना ज्योतिष के वेद बिना नेत्रों के समान है, यदि कोई व्यक्ति ज्योतिष को नकारता है तो वो हिंदुओं के प्राचीन ग्रंथों वेदों को भी नकारता है। जो वेदों को नकारता है। उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता। क्योंकि वेदों में विश्वास प्रत्येक हिंदू को है।
– प्रतीक मिश्रपुरी, भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी।

स्वामी रामदेव का बयान तथ्यहीन और आधारहीन है। ज्योतिष हजारों वर्षों से हमारे ऋषि मुनियों द्वारा दी गई एक धरोहर है। जो कि विज्ञान है। जिस प्रकार आयुर्वेद विज्ञान है। उसी प्रकार से ज्योतिष भी विज्ञान है। ज्योतिष बहुत पुराना शास्त्र है। इस प्रकार से टीका टिप्पणी करना शिक्षित व्यक्ति की पहचान नहीं है। एक तरफ बाबा रामदेव कह रहे हैं कि आयुर्वेद बहुत अच्छा है। वहीं दूसरी तरफ ज्योतिष को आडंबर की संज्ञा बाबा रामदेव ने दी है।
– विकास जोशी, नारायण ज्योतिष संस्थान, हरिद्वार

स्वामी रामदेव का ज्योतिष पर दिया गया बयान निंदनीय है। बाबा हर काम को व्यापारिक दृष्टिकोण से देख रहे हैं। यदि ज्योतिष के प्रकार इस प्रकार का दृष्टिकोण रखते हैं तो वह हमारे वेदों को नहीं मानते हैं। योग गुरु रामदेव आर्य समाज संप्रदाय से संबंध रखते हैं। आर्य समाज में वेद को प्रधानता दी गई है। बाबा ने आयुर्वेद के प्रति अच्छा कार्य किया है, लेकिन इस प्रकार के बयान देना उन्हें शोभा नहीं देता।
– डॉ. रतनलाल एचओडी ज्योतिष, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय

स्वामी रामदेव जिस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं। उसके लिए जितनी निंदा की जाए वह कम है। ज्योतिष ऋषि-मुनियों के समय से हैं। बीमारी आने से पहले ही ऋषि मुनि बता देते थे कि बीमारी आने वाली है। आयुर्वेद व ज्योतिष वेदों के ही अंग है। बाबा रामदेव ने भी तो आयुर्वेद के नाम पर अपनी इंडस्ट्री खड़ी कर ली है। योग करने के लिए आने वाले लोगों से रुपया लेते हैं।
– पंडित सुमित तिवारी, ज्योतिषाचार्य, श्री रामनाम विश्व बैंक संस्था