व्यापारियों ने थाली बजाकर सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ जताया आक्रोश

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व्यापारियों ने थाली बजाकर सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ जताया आक्रोश

कहा, कोई भी निर्णय लेने में राज्य सरकार नहीं है सक्षम
व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है नुकसान
जिले के विभिन्न स्थानों पर व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ लगाये नारे
रुद्रप्रयाग। केन्द्र और राज्य सरकार की कुरीतियों और हठधर्मिता के खिलाफ प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के आहवान पर व्यापारियों ने जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग सहित नगर इकाईयों में थाली बजाकर विरोध। इस दौरान व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। व्यापारियों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि सरकार कोई भी निर्णय लेने में सक्षम नहीं है, जिस कारण व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित मुख्य स्टेशन में समस्त व्यापारी एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ थाली बजाते हुए नारेबाजी कर विरोध जताया। व्यापारी सरकार के खिलाफ इतने आक्रोशित हैं कि वे सोशल मीडिया पर सरकार का दुष्प्रचार करने में लगे हैं। रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र में ज्यादातर व्यापारी भाजपा के कार्यकर्ता हैं और स्थानीय विधायक के भी खास हैं। ऐसे में वे अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं और सरकार के निर्णय से आक्रोशित हैं। रुद्रप्रयाग में व्यापार संघ अध्यक्ष चन्द्रमोहन सेमवाल, नरेन्द्र बिष्ट, संतोष रावत, मोहम्मद उस्मानी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद किया गया है, जिस कारण अन्य व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। छोटे-छोटे व्यापारियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उनके सब्र का बांध अब टूटता जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को खोलने की मांग की है, ताकि व्यापारी भी कोरोनाकाल से उभर सकें। व्यापारियों ने कहा कि पिछले 15 महीनों से विषम परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं। व्यापारी विकट परिस्थितियों में अपना जीवन काट रहे हैं, जिससे कई व्यापारियों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। ऐसे में प्रदेश सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। सरकार को जनता के हित को देखते हुए कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए। व्यापारियों ने कहा कि अब कोरोना संक्रमण की दर काफी कम हो गई है, इसलिए सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति दी जाय। उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द से जल्द अगर बाजार नहीं खोले जाते हैं तो समस्त व्यापारी स्वयं अपनी दुकान खोलने के लिए मजबूर हो जायेंगे। वहीं, रुद्रप्र्रयाग मुख्यालय के साथ ही नगर इकाई तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, समाड़ी, जखोली, मयाली, गुप्तकाशी, चन्द्रापुरी, ऊखीमठ में भी व्यापारियों ने सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ थाली बजाकर आक्रोश जताया। इधर, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने व्यापारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को व्यापारियों के हित को लेकर कोई ठोस निर्णय लेना होगा। व्यापारी पिछले साल से कोरोना महामारी के कारण काफी परेशान हैं। उनके सामने अपने परिवार के भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गयी है। यहां तक कि चारधाम यात्रा भी स्थगित होने से केदारघाटी के व्यापारी खासे परेशान हैं। केदारघाटी का व्यापारी सिर्फ छः माह की यात्रा पर ही निर्भर रहता है। ऐसे में उन्हें भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। श्री तिवाड़ी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के मामले काफी कम हो चुके हैं, जिससे सरकार को अब प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति दे देनी चाहिए।