जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में हुए दो विस्फोट
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में रविवार की सुबह 5 मिनट के गैप में दो विस्फोटों को अंजाम दिया गया. बड़ी बात ये है कि इस हमले में एकदम वैसे ही ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, जैसे पाकिस्तान ने पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायु सेना के अड्डे पर 2016 के आतंकवादी हमले के दौरान किया था. ऐसे में माना जा रहा है कि इस हमले की मदद से पठानकोट हमले को दोहराने की कोशिश की गई थी. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
पहला धमाका एक इमारत की छत पर 1:37 बजे हुआ जबकि दूसरा 1:42 बजे जमीन पर हुआ. सूत्रों के मुताबिक धमाकों में इंडियन एयरफोर्स के दो जवानों को मामूली चोटें आई हैं. धमाकों के कुछ ही मिनटों में सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी. दो विस्फोटों के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर है. इस बीच जांच के लिए NIA की एक टीम जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पहुंच गई है.
रविवार को ही लश्कर के एक कट्टर आतंकवादी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने और उनके पास से 4.7 किलोग्राम आईईडी बरामद होने की भी खबरें थीं. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अब तक दोनों घटनाओं के बीच कोई संबंध नहीं है. इस महीने की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सुरक्षा बलों ने एक संदिग्ध आईईडी का पता लगाया और उसे डिफ्यूज कर दिया गया था.
पठानकोट हमले की बुरी यादें
2016 में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से जुड़े होने के संदेह में चार से छह आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस पर आत्मघाती हमला किया था. इसके बाद का ऑपरेशन 36 घंटे से अधिक समय तक चला था, जिसमें पांच हमलावर मारे गए थे, और सुरक्षा बल के तीन जवानों की भी जान चली गई थी.