कांवड़ यात्रा 2021: उत्तराखंड सरकार ने कोरोना को देखते हुए रद्द की कांवड़ यात्रा

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Dehradun: Newly appointed Uttarakhand BJP Legislature Party leader Pushkar Singh Dhami comes out with supporters after a meeting at the party office in Dehradun, Saturday, July 3, 2021. (PTI Photo) (PTI07_03_2021_000135B)

कांवड़ यात्रा 2021: उत्तराखंड सरकार ने कोरोना को देखते हुए रद्द की कांवड़ यात्रा

उत्तराखंड सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है। कोरोना संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा लगातार दूसरे साल रद्द की गई है।

कांवड़ यात्रा पर पहले ही लगा है प्रतिबंध
प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के संचालन पर पहले ही प्रतिबंध लगा रखा है। सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली की ओर से बाकायदा इस संबंध में आदेश जारी किया गया था।

सरकार पर यात्रा संचालन का था दबाव
उत्तराखंड सरकार पर उत्तरप्रदेश और हरियाणा सरकार का दबाव था। इन दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। दोनों राज्य कांवड़ यात्रा के संचालन की तैयारी कर रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के अधिकारियों को 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा के संचालन की तैयारी के आदेश दिए है।

सरकार को कोर्ट का भी भय
प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा भी शुरू नहीं कर पाई है। उच्च न्यायालय ने यात्रा शुरू करने पर रोक लगा रखी है। सरकार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। ऐसे में कांवड़ यात्रा के संचालन पर भी सरकार न्यायिक वाद में फंस सकती है। सरकार को कोर्ट का भय भी सता रहा है।

अधिकारी कांवड़ यात्रा के पक्ष में नहीं
मुख्यमंत्री की बैठक में उच्चाधिकारियों ने साफ कर दिया कि कोविड 19 महामारी को देखते हुए कांवड़ यात्रा का संचालन करना उचित नहीं होगा। यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आएंगे और उन सभी के कोविड टेस्ट करने के संभव नहीं होंगे। यात्रा को सीमित करने के लिए भी बहुत सारे इंतजाम करने पड़ सकते हैं।

लोगों का जीवन हमारे लिए सर्वोपरि: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा को लेकर रविवार को कहा था *कि बात आस्था की है, लेकिन लोगों की जिंदगी भी दांव पर है। भगवान को भी यह अच्छा नहीं लगेगा यदि लोग कांवड़ यात्रा के कारण कोविड से अपनी जान गंवाते हैं। *

मुख्यमंत्री का कहना था कि प्रदेश सरकार ने 30 जून की कैबिनेट की बैठक में फैसला किया था कि इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी। कांवड़ यात्रा आस्था से जुड़ी है। लोगों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

कहा कि हम सिर्फ मेजबान राज्य हैं। 15 दिनों में तीन करोड़ से अधिक कांवड़िये राज्य का दौरा करते हैं। बात आस्था की है, लेकिन लोगों की जिंदगी भी दांव पर है। लोगों का जीवन बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। किसी भी कीमत पर लोगों को जान का खतरा न हो, किसी की भी जान न जाए। जान बहुत कीमती है और हम किसी भी जान को खतरा नहीं होने देंगे।