हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के लिए साथ लानी होगी RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट

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हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के लिए साथ लानी होगी RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट

उत्तराखंड (Uttarakhand) के बाहर से हरिद्वार (Haridwar) में अस्थि विसर्जन के लिए आने से पहले लोगों को कोरोना वायरस की जांच की 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता होगी. अगर कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है तो प्रमाणपत्र दिखाना होगा. इसके अलावा हरिद्वार आने के लिए स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी करवाना जरूरी होगा. इस संबंध में डीएम ने मंगलवार को कोविड कर्फ्यू की एसओपी जारी कर दी है. एसपीओ 6 अगस्त की सुबह 6 बजे तक लागू रहेगी.

दरअसल, नार्थ इंडिया के प्रदेशों से ज्यादातर लोग अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जन के लिए हरिद्वार आते हैं. इस दौरान सावन में कांवडिए भी पुलिस को धोखा देकर ट्रेनों और बसों के जरिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं. ऐसे में हरिद्वार में एंट्री करने वाले बाहर से आए प्रदेशों के लोगों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दी है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के 15 दिन बाद प्रमाणपत्र होने पर निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा.

कोविड पॉजिटिव निकलने के बाद बढाई गई सख्ती

इस दौरान पुलिस ने रेलवे स्टेशन से सोमवार को 325 कांवड़िए पकड़े जाने और अहमदाबाद से अस्थि विसर्जन के लिए पहुंचे 6 लोगों के रैंडम सैंपलिंग में कोविड पॉजिटिव मिलने पर स्टेशन पर सख्ती बढ़ा दी है. शासन के आदेश के मुताबिक कोविड कर्फ्यू बढ़ाए जाने के बाद डीएम सी रविशंकर ने भी हरिद्वार जिले के लिए एसओपी जारी कर दी है. एसओपी का कड़ाई से कोरोना गाइडलाइन का पालन कराए जाने के निर्देश जारी किए हैं. ऐसे में बाहर से हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के लिए 4  से ज्यादा लोग नहीं आ पाएंगे.

रेलवे स्टेशन पर चकमा देकर निकल रहे यात्री

प्रदेश में कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित लगने के बाद भी लगातार सख्ती की जा रही है. रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों को एक्जिट गेट पर रोककर कोविड निगेटिव रिपोर्ट या फिर दोनों वैक्सीन लगने का प्रमाणपत्र की जांच की जा रही है. इसमें यात्रियों को काफी इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में कई यात्री पुलिस और जीआरपी को चकमा देकर स्टेशन कैंपस के दूसरे रास्तों से बाहर निकल रहे हैं.  लेकिन फिर भी इससे वायरस फैलने का खतरा बना है.  इसके बावजूद भी दूसरे प्रदेशों से आने वाली ट्रेनें फुल होकर हरिद्वार पहुंची रही हैं.  इनमें कांवडिए से लेकर अस्थि विसर्जन करने वाले की संख्या भी काफी मात्रा में है.