बंगाल में चुनाव बाद हत्या और रेप के मामलों की जांच CBI को सौंपी
नई दिल्ली. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चुनाव के बाद कथित हिंसा (Bengal Elections) के मामले में हत्या व रेप जैसे गंभीर मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई (CBI) से कराने का आदेश दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुआई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने चुनाव के बाद कथित हिंसा के संबंध में अन्य आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) के गठन का भी आदेश दिया है.
राज्य में 2 मई को चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की आश्चर्यजनक वापसी के बाद व्यापक हिंसा का आरोप लगाते हुए कई याचिकाकर्ताओं ने इस साल की शुरुआत में हाईकोर्ट का रुख किया था. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस दिशा में एक समिति का गठन किया था.
2 मई को ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने विधानसभा चुनावों में मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के साथ चुनावी जंग के बाद प्रचंड जीत दर्ज की. इसके तुरंत बाद राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा की खबरें सामने आईं, जिसमें कई लोगों ने मारपीट, बलात्कार और घरों को जलाने की शिकायत की. यह मुद्दा हाईकोर्ट के सामने तब आया था जब कई लोगों को हिंसा के कारण अपने घरों से भागना पड़ा था, जिन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि उन्हें टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा घर लौटने की मंजूरी नहीं दी जा रही है.
हाईकोर्ट ने 31 मई को तीन सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा से विस्थापित हुए लोग अपने घरों को लौट सकें. प्रभावित पक्षों को पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था और समिति को उनकी जांच करनी थी और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना था कि लोगों को उनके घर लौटने की अनुमति दी जाए. डब्ल्यूबीएसएलएसए ने तब अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी जिसमें उन्हें प्राप्त शिकायतों और चुनाव के बाद की हिंसा के प्रभावों का विवरण दिया गया.