अल्मोड़ा के रानीखेत के ताड़ीखेत ब्लाक के गोपाल उप्रेती ने कर दिखाई क्रांति ,कहते है कि यदि इंसान में कुछ करने की तमन्ना हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।
मेहनत व लग्न एक दिन आवश्य सफलता कदम चुमती है।उत्तराखण्ड में भी अनेकों प्रवासियों लोगों ने कृषि व बगवानी के क्षेत्र में रोजगार सृजन कर युवाओं के लिये मिशाल कायम की है।इन्हीं में एक हैं रानीखेत तहसील के बिल्लेख निवासी गोपालदत्त उप्रेती जिन्होंने सेब का बगीचा तैयार कर लोगों के सामने नजीर प्रस्तुत की है।
यही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा धनिया का पेड़ उगाकर गिनीज बुक आफ वर्ड रिकार्ड कर विश्व में अपनी पहचान बनायी है।प्रगतिशील कृषक व बागवान गोपाल उप्रेती ने अपने खेतों में ब्रोकली उगाकर शब्जी उत्पादन में अल्मोड़ा जनपद का नाम रोशन किया है।उन्होने पहली बार ब्रोकोली के 20 हजार पौधों का रोपण किया।उन्हें इसका बीज कृषि विज्ञान केंद्र अल्मोड़ा ने उपलब्ध कराया है।खेतों में उनकी मेहनत रंग लायी है।जैविक विधि से उत्पादन कर एक पौध में आधे से एक किलो तक का ब्रोकोली का फूल पैदा हुआ है।
इसके उत्पादन के लिये उन्होने अन्य कृषकों को भी प्रेरित किया है।उन्होने इसके उत्पादन से अच्छी आमदानी मिलने की बात कही है।फूल गोभी नमूने की तरह ब्रोकली की शब्जी होती है।इसमें रोगप्रतिरोधक क्षमता का भंडार समाया हुआ है।इसमें पाया जाने वाला कैरेटेनॉयड्स ल्यूटिन नामक तत्व से दिल का दौरा पड़ने की संभावना को कम करता है तो वहीं पोटेशियम कोलेस्ट्रांल को नियंत्रित करने में मददगार होता है।फिटाकेमिकल की प्रचुर मात्रा होने से इसके सेवन से विषाक्त तत्व शरीर से बाहर निकलते हैं।तो वहीं कैंसर जैसे रोग की आशंका भी कम होती है।इसके अलावा ब्रोकोली में विटामिन A तथाC,आयरन,प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेट ,कैल्शियम जैसे अनेकों पोषक तत्वों का भंडारा इसमें समाहित है।उप्रेती का दावा है वृहत्त स्तर पर अल्मोड़ा जनपद मे पहली बार उत्पादन की ट्रायल की गयी है।