कर्नल कोठियाल ने बताया पीएम मोदी के दौरे को चुनावी दौरा, पीएम मोदी से ट्वीट कर पूछे उत्तराखंड की जनता की तरफ से पांच सवाल – कर्नल अजय कोठियाल,

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कर्नल कोठियाल ने बताया पीएम मोदी के दौरे को चुनावी दौरा, पीएम मोदी से ट्वीट कर पूछे उत्तराखंड की जनता की तरफ से पांच सवाल – कर्नल अजय कोठियाल,

पीएम मोदी का दौरा पूरी तरह निराशाजनक,उत्तराखंड के लोगों के साथ तीर्थ पुरोहितों की आस को लगा झटका – कर्नल कोठियाल,आप सीएम उम्मीदवार

आप पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केदारनाथ दौरे को चुनावी दौरा बताते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए पीएम मोदी से उत्तराखंड की जनता की तरफ से पांच सवाल पूछे जिसमें उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी से पूछा है ।
यूं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धार्मिक यात्रा पर केदारनाथ आए थे ,लेकिन श्री केदारनाथ धाम के प्रागंण से दिए गए उनके भाषण से ऐसा लगा मानो वे चुनावी यात्रा पर आए हों,लिहाजा उत्तराखंड की जनता की तरफ से उनसे उनसे कुछ सवाल बनते हैं।
उन्होंने पूछा है कि –

1. जिन तीर्थ पुरोहितों के समर्पण और आस्था की बात आपने अपने भाषण में कही,उनको सराहा , फिर उनके अधिकारों पर चोट करने वाले देवस्थानम बोर्ड पर आपने कुछ क्यों नहीं कहा।

उन्होंने कहा,उत्तराखंड की जनता को उम्मीद थी कि, विश्व भर के हिंदुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए आप, इस देवस्थानम बोर्ड को रद्द करेंगे ,लेकिन ऐसा नहीं हुआ उनको एक बार फिर निराशा हाथ लगी।

2. उन्होंने पूछा,आपके स्वागत में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी थे, जिन्होंने इस बोर्ड को ऐतिहासिक बताते हुए उसका विरोध कर रहे तीर्थ-पुरोहितों को स्वार्थी कहा और तीर्थ पुरोहित लगातार उनका विरोध कर रहे थे।

उन्होंने कहा,हमारे तीर्थ-पुरोहितों के लिए ऐसे अपमानजनक शब्द कहने वाले की यह भाषा ,क्या भाजपा की आधिकारिक लाइन है?

3 देवस्थानम बोर्ड के विरोध की मुख्य वजह ‘परंपराओं की रक्षा’ है। आज पहली बार मंदिर परिसर के गर्भगृह के अंदर के दृश्यों को कैमरे के जरिए लाइव दिखाकर हजारों साल पुरानी परंपरा तोड़ी गई। क्या पुष्कर धामी सरकार के देवस्थानम बोर्ड द्वारा किया गया यह अपराध आपको स्वीकार्य है

4 कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री धामी ने बताया था कि, उत्तराखंड में आई आपदा के चलते ₹7000 करोड का नुकसान हुआ है।

इस बयान के बाद दो बार देश के गृह मंत्री अमित शाह, और अब आप उत्तराखंड आकर वापस लौट गए लेकिन ,राहत पैकेज का ऐलान करना तो दूर, आपने इस आपदा का जिक्र करना तक मुनासिब क्यों नहीं समझा,जबकि मुख्यमंत्री आपदा के नुकसान का कई बार जिक्र कर चुके हैं?

5 आज आपने वही चुनावी बातें की जो 5 साल पहले की थी।
तब भी आपने पहाड़ के पानी और जवानी को पहाड़ के काम में लाने का भरोसा दिलाया था। आज भी आप इसी नारे को बोलकर चले गए,उत्तराखंड की जनता को आपने एक बार फिर छलावा किया। उन्होंने कहा
बीजेपी ने रोजगार,शिक्षा,स्वास्थ्य,पलायन आदि क्षेत्रों मे जो चुनावी वादे किए थे,धरातल पर उन वादों की हकीकत क्या है ये जनता जान चुकी है ?

पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे से पहले कर्नल कोठियाल ने केदारनाथ धाम का दौरा किया था जहां उन्होंने देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितो से मुलाकात करते हुए कहा था कि सरकार को तुंरत देवस्थानम बोर्ड को भंग करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि आप की सरकार बनते ही हमारी कलम से पहला शब्द देवस्थानम बोर्ड भंग लिखा जाएगा। कर्नल कोठियाल ने इस ट्वीट के बाद अपने बयान में कहा कि देवस्थानम बोर्ड पर सरकार राजनीति कर रही है। पीएम के दौरे से पहले खुद मुख्यमंत्री केदारनाथ पहुंचे थे और पुरोहितों को मनाने की कोशिश की थी । तीर्थ पुरोहितों को उम्मीद थी कि, पीएम मोदी देवस्थानम बोर्ड पर कुछ कहेंगे लेकिन पीएम ने इस मसले पर कोई बात नहीं की।

उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का केदारनाथ में जमकर विरोध हुआ था और उसी डर से मुख्यमंत्री को केदारनाथ जाना पडा। कर्नल कोठियाल ने उनसे देवस्थानम बोर्ड मसले पर बात करने की कोशिश भी की ,लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने कर्नल कोठियाल से मुलाकात नहीं की। जिसका मतलब था कि बोर्ड मामले में मुख्यमंत्री कोई बात करना ही नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा कि आप पार्टी देवस्थानम बोर्ड का पुरजोर विरोध करती है और बोर्ड को हर हाल में तुंरत भंग करने की मांग करती है। उन्होंने एक बार फिर पीएम मोदी के दौरे के पूरी तरह निराशाजनक बताते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड के रहते हुए आज उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की पंरपराओं के साथ खिलवाड हुआ जो नहीं होना चाहिए था ।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूं तो धार्मिक यात्रा पर आए थे लेकिन श्री केदारनाथ धाम के प्रांगण से दिए गए उनके भाषण से ऐसा लगा मानो वे चुनावी यात्रा पर आए हों, लिहाजा उनसे कुछ सीधे सवाल बनते हैं :

जिन तीर्थ पुरोहितों के समर्पण को आपने अपने भाषण में सराहा, उनके अधिकारों, हक-हकूकों पर चोट करने वाले देवस्थानम बोर्ड को लेकर आपने एक शब्द भी नहीं कहा। उत्तराखंड की जनता को उम्मीद थी की विश्व भर के हिंदुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए वर्षों पुरानी परंपरा को ठेस पहुंचाने वाले इस देवस्थानम बोर्ड को आप रद्द करेंगे लेकिन आपकी चुप्पी ने सभी को निराश किया है।

आज आपके स्वागत में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी आए थे, जिन्होंने देवस्थानम बोर्ड को ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए उसका विरोध कर रहे तीर्थ-पुरोहितों को स्वार्थी कहा। हमारे तीर्थ-पुरोहितों के लिए ऐसे अपमानजनक शब्द कहने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत की यह भाषा क्या भाजपा की आधिकारिक लाइन है ? अगर नहीं, तो आपने त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस अपमानजनक बयान देने पर कोई ‘नसीहत’ क्यों नहीं दी ?

देवस्थानम बोर्ड के विरोध की मुख्य वजह ‘परंपराओं की रक्षा’ है। आज पहली बार केदरनाथ धाम में मंदिर परिसर के गर्भगृह के अंदर के दृष्यों को कैमरे के जरिए लाइव दिखाकर हजारों साल पुरानी परंपरा तोड़ी गई। क्या धामी सरकार के देवस्थानम बोर्ड द्वारा किया गया यह अपराध आपको स्वीकार्य है ?

कुछ दिन पहले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी ने बताया था कि उत्तराखंड में आई आपदा के चलते 7000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस बयान के बाद दो बार देश के गृहमंत्री अमित शाह और अब आप उत्तराखंड आकर वापस लौट गए लेकिन राहत पैकेज का ऐलान करना तो दूर, आपने इस आपदा का जिक्र करना तक मुनासिब क्यों नहीं समझा ?

आज अपने भाषण में आपने वही सारी चुनावी बातें दोहराईं जो पांच साल पहले विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान रैलियों में कही थीं। तब भी आपने पहाड़ के पानी और जवानी को पहाड़ के काम में लाने का भरोसा दिलाया था। आज पांच साल बाद भी आप इसी नारे को दोहराकर चले गए। पांच साल में भाजपा सरकार ने इस नारे को सार्थक करने के लिए क्या-क्या काम किए ?

अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी क्यों नहीं बता पाए कि पांच साल पहले उत्तराखंड की जनता से भाजपा ने रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन आदि को लेकर जो-जो चुनावी वादे किए थे, धरातल पर उन वादों की हकीकत क्या है?