तीर्थपुरोहितों का देवस्थानम अधिनियम निरस्त होने तक जारी रहेगा आंदोलन

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ऋषिकेश। उत्तराखंड सरकार की ओर से देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया गया है, लेकिन चार धाम हक-हकूकधारी महापंचायत तीर्थ पुरोहित समिति ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने साफ किया कि जब तक विधानसभा सत्र में यह अधिनियम खत्म नहीं होता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
उत्तराखंड सरकार ने जैसे ही देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के साथ अधिनियम को रद किए जाने का एलान किया, वैसे ही उत्तराखंड के चार धाम हक-हकूकधारी महापंचायत, तीर्थ पुरोहित समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि सभी तीर्थ पुरोहित, पंडा पंचायत के साथ उनके आंदोलन से जुड़े सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सरकार के निर्णय को उत्तराखंड के हित में बताया है।उन्होंने साफ किया कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उत्तराखंड की विधानसभा में इस कानून को रद्द किए जाने के लिए प्रस्ताव लाकर इसे निरस्त किए जाने नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि यह जीत सभी संस्थाओं की जीत है और उत्तराखंड को इस काले कानून से निजात मिलेगी। वहीं, श्री जयराम आश्रम में संस्था के अध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने केदार सभा के पदाधिकारियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि हक हकूक धारी और तीर्थ पुरोहितों के इस संघर्ष में संत समाज पूरी तरह से साथ था। सरकार ने सही फैसला लिया है।केदारनाथ महासभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, केदारनाथ सभा के सचिव कुबेरनाथ पोस्ती, तीर्थ पुरोहित सभा के प्रमुख सदस्य राजेश बगवाड़ी ने कहा कि जिस दिन विधानसभा में इसकी घोषणा की जाएगी, उसके बाद चारों धामों में विशाल स्तर पर दिवाली मनाते हुए खुशी का इजहार किया जाएगा। इस मौके पर उपस्थित कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजपाल खरोला ने कहा कि सरकार ने देर से ही सही सही कदम उठाया है। अगर सरकार समय पर जाग जाती तो तीर्थ पुरोहितों को सड़क पर न उतरना पड़ता। इस दौरान श्री रामायण प्रचार समिति के अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री, पार्षद मनीष शर्मा, अभिषेक शर्मा, अशोक रस्तोगी, प्रदीप शर्मा आदि मौजूद रहे।