उत्तराखंड किसान सभा और सीटू का सचिवालय कूच

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एमएसपी कानून बनाने की मांग
देहरादून। दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में उत्तराखंड किसान सभा  और सीटू कार्यकर्ताओं ने सचिवालय कूच किया । इस दौरान सीटू कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी  की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर सचिवालय से पहले ही रोक दिया।
वहींए पुलिस द्वारा रोके जाने से नाराज प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और एक सभा का आयोजन किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि इन तीन काले कृषि कानूनों को रद्द करना किसान आंदोलन की एकमात्र मांग नहीं हैए बल्कि शुरू से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून प्रस्तावित संशोधन विधेयक 2020.21 और 2020 में लगे लॉकडाउन के दौरान काले कृषि कानूनों के साथ.साथ श्रम कानूनों में किए गए संशोधनों को भी रद्द करने की मांग है।
सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र ने कहा दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के एक साल पूरा होने पर संयुक्त किसान मोर्चा  और ट्रेड यूनियन के आह्वान पर हम लोगों ने देहरादून सचिवालय कूच किया है। उन्होंने कहा सरकार अपनी घोषणा अनुसार तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए संसद में वैधानिक प्रक्रिया अपनाकर इन कानून को रद्द करें।उन्होंने कहा इस आंदोलन में करीब 700 किसानों की शहादत  हो चुकी हैं। ऐसे में उनके परिवारों के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था  भी की जाए। इसके अलावा उत्तराखंड किसान सभा की अन्य प्रमुख मांगे भी हैए जिसमें निजीकरण पर रोक लगानेए साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र रेलए बैंकए बीमाए रक्षा आदि की बिक्री बंद की जाए।