ओमीक्राम के खतरे के बीच पहले पहले नेताओं और फिर सैलानियों का जमावड़ा

0
289

ओमीक्राम के खतरे के बीच पहले पहले नेताओं और फिर सैलानियों का जमावड़ा

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

देश में जानलेवा कोरोना वायरस महामारी के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. साथ ही कोरोना के सबसे खतरनाक वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 6 हजार 358 नए केस सामने आए हैं. वहीं, 293 लोगों की मौत हो गई. देश में अबतक कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट के 653 मामले सामने आ चुके हैं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या 75 हजार 456 है. वहीं, इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 4 लाख 80 हजार 290 हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक, कल 64501 रिकवरी हुईं, जिसके बाद अभी तक 3 करोड़ 42 लाख 43 हजार 945 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं.देश के साथ उत्तराखंड में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले सामने आने के बाद कई प्रदेशों ने सख्ती बढ़ा दी है। कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू व नए साल के जश्न पर पाबंदी लग चुकी है। तीसरी लहर की आशंका व ओमिक्रॉन के खतरे को लेकर राज्य सरकार भी अलर्ट मोड पर है। इसका असर नए साल के पर्यटन कारोबारियों की तैयारी पर भी पड़ सकता है। उत्तराखंड में भी नए साल के लिए मसूरी, नैनीताल और हरिद्वार में होटल में कमरों और टैक्सी की बुकिंग रद्द होने लगी है।साल के अंत में हल्द्वानी से लेकर आसपास के पर्यटक स्थलों पर पिछले साल के मुकाबले इस बार ज्यादा भीड़ रहेगी। इसके पीछे सियासी कार्यकम भी बड़ी वजह है। मंगलवार को मुख्यमंत्री हल्द्वानी में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।पूर्व सीएम भी उत्तराखंडियत अभियान की शुरुआत करने आ रहे हैं। 30 को पीएम की रैली होगी। इसके साथ ही नए साल का जश्न भी। ऐसे में एक हफ्ते तक हल्द्वानी से लेकर नैनीताल व आसपास के पर्यटनस्थलों पर भारी भीड़ होगी। व्यवस्थाएं बनाने में पुलिस और परेशान के पसीने छूटने तय हैं।थर्टी फस्र्ट को लेकर भी पूर्व व्यवस्था की जाएगी। वहीं, हर साल पर्यटक तीन जनवरी तक पहाड़ से वापसी करते हैं। ऐसे में अगले सात दिन तक जाम की समस्या खड़ी हो सकती है। क्योंकि, हर साल पुलिस-प्रशासन के सभी दावे खोखले ही नजर आए हैं। पीएम के कार्यक्रम को लेकर वह अफसरों को निर्देशित करते रहेंगे। वहीं, पीएम के कार्यक्रम को लेकर पुलिस ने नया ट्रैफिक प्लान तैयार कर लिया है। थर्टी फस्र्ट को लेकर भी पूर्व व्यवस्था की जाएगी। वहीं, हर साल पर्यटक तीन जनवरी तक पहाड़ से वापसी करते हैं। ऐसे में अगले सात दिन तक जाम की समस्या खड़ी हो सकती है। क्योंकि, हर साल पुलिस-प्रशासन के सभी दावे खोखले ही नजर आए हैं। उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव सिर पर हैं. दो दशक पूर्व राज्य बनने के बाद अब चार महीने बाद यहां के मतदाता पांचवीं बार नई सरकार के लिए वोट डालेंगे. लेकिन जब भी राजनीतिक पार्टियां चुनाव में वोट मांगने जाती हैं तब न तो कोई पर्यावरण की बात करता है और न ही पहाड़ों में हर साल होने वाली आपदाओं से बचाव के लिए कोई चिंता उनकी बातों, भाषणों या घोषणा पत्र में झलकती है.दूसरी ओर मौसमी बदलाव, भयावह आपदाएं और पर्वतीय जनजीवन पर प्रकृति के रौद्र रूप का सबसे ज़्यादा दुष्प्रभाव साल दर साल तीव्र हो रहा है.वास्तव में पहाड़ों में जनता की दुख-तकलीफों को दूर करने के सियासी एजेंडा में पर्यावरण और विकास के सवाल हमेशा से ही विरोधाभासी रहे हैं.इसलिए कि राजनीतिक दलों को लगता है कि पर्यावरण बचाने की बातें करेंगे तो विकास के लिए तरसते लोग वोट नहीं देंगे. दरअसल, सत्ता में बने रहने के लिए वोट की राजनीति का सबसे अहम रोल हो गया है. पैसा, हैसियत और बाहुबल के बूते सत्ता तक पहुंचने की जद्दोजहद में पर्यावरण संरक्षण और हिमालय को आपदाओं से बचाने जैसी गंभीर बहस में न तो राजनीतिक लोग और सरकारें पड़ना चाहती हैं और न ही नौकरशाही का इस तरह के मामलों से कोई सरोकार दिखता हैआपदाओं और प्राकृतिक हादसों की इस जद्दोजहद में साधन संपन्न और मैदानी क्षेत्रों में ज़मीन और मकान खरीदने और बनाने की हैसियत वाले लोग ही खुद को सुरक्षित करने की जुगत में सफल हो रहे हैं.वहीं, हर साल पर्यटक तीन जनवरी तक पहाड़ से वापसी करते हैं। ऐसे में अगले सात दिन तक जाम की समस्या खड़ी हो सकती है। क्योंकि, हर साल पुलिस-प्रशासन के सभी दावे खोखले ही नजर आए हैं। पुलिस ने ट्रैफिक प्लान बनाया है। घर से निकलने से पहले ट्रैफिक प्लान नहीं तो परेशान होना पड़ सकता है। इसके अलावा पुलिस ने वाहनों की पार्किंग के लिए भी अलग-अलग जगह चिह्नित किए हैं। सुबह नौ बजे से कार्यक्रम समाप्ति तक रूट बदला रहेगा। ओमीक्रान के खतरे को देखते हुए उत्‍तराखंड पहुंचने वाले पर्यटकों की भीड़ को लेकर शासन-प्रशासन अलर्ट हो गया है। क्रिसमस के बाद अब 31 और न्‍यू ईयर का जश्‍न मनाने के लिए बड़ी तादाद में पर्यटक नैनीताल समेत उत्‍तराखंड के पर्यटन स्‍टलों पर पहुंचेंगे। जिसे देखते हुए हुए उत्‍तराखंड में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। ऐसे में हिल स्‍टेशनों पर पहुंचने वाले पर्यटक इस बार रात 12 बजे सार्वजनिक क्षेत्रों में जश्न नहीं मना सकेंगे।