अंडमान निकोबार के उपराज्यपाल एडमिरल जोशी के गांव को सड़क का इंतजार

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अंडमान निकोबार के उपराज्यपाल एडमिरल जोशी के गांव को सड़क का इंतजार

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

उत्तराखंड के वीर सपूतों ने द्वितीय विश्ववयुद्ध और उसके बाद पेशावर की लड़ाई हो, 1962 की लड़ाई हो, 1965 की लड़ाईहो, 1971 की लड़ाई हो या कारगिल की लड़ाई, देश के लिए हर संग्राम में अपना सर्वोच्च बलिदान किया है और इन सभी संग्राम में सवाड़ गाँव के वीर सपूतों ने अपनी वीरता से न केवल उत्तराखंड, बल्कि देश और पूरी दुनिया में यहाँ का नाम रौशन किया है। उत्तराखंड की वीर भूमि के कण-कण में देशभक्ति, वीरता और देवत्व गुण समाहित है। उत्तराखंड की आभा से देश अभिभूत है। एक और उत्तराखंडी ने अपना जलवा बिखेरा है।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अब एक और उत्तराखंडी पर भरोसा जताया है।  देश के 21वें नौसेनाध्यक्ष देवेंद्र कुमार जोशी के गांव को आज भी सड़क का इंतजार है। पूर्व एडमिरल जोशी ने इस सड़क के लिए खुद प्रयास किया था। ढाई किमी की यह सड़क आज सरकारी फाइलों में कहीं गुम होकर रह गई है। एडमिरल जोशी वर्तमान में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल हैं। दौलाघट को पूरे देश में तब पहचान मिली जब 31 अगस्त 2012 को देवेंद्र कुमार जोशी नौसेनाध्यक्ष बने। एडमिरल बनने के बाद उनके गांव दौलाघट में जश्न का माहौल था। गांव को उम्मीद थी की अब गांव में भी विकास होगा। दो साल तक वह इस पद पर रहे। उनकी उत्कृष्ट सेवा को देखते हुए उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद 8 अक्टूबर 2017 को उन्हें अंडमान निकोबार द्वीप समूह का उपराज्यपाल बनाया। तब से वह उपराज्यपाल के रुप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पूर्व नौसेनाध्यक्ष व उपराज्यपाल देवेंद्र कुमार जोशी का जन्म चार जुलाई 1954 को दौलाघट के लक्ष्मीपुर गांव में हुआ। यह क्षेत्र जिला मुख्यालय 25 किमी दूर हैं। उनकी पढ़ाई नैनीताल से हुई। उनके पिता हीरा बल्लभ जोशी वन विभाग में मुख्य वन संरक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने एक अप्रैल 1974 को भारतीय नौसेना के एक्जीक्यूटिव ब्रांच में कमीशन प्राप्त किया था। 38 साल के तक सेवा देने के बाद भी उनको अपनी जन्मभूमि से बेहद लगाव रहा। जब भी उन्हें समय मिलता है वह अपनी पत्नी चित्रा जोशी और दो बेटियों के साथ पैतृक गांव लक्ष्मीपुर आते है। वह यहां पूजा-पाठ आदि के कार्यक्रम भी करते हैं। उनके करीबी गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि एडमिरल डीके जोशी यहां आते रहते है। उन्होंने बताया कि रिखे गांव से लक्ष्मीपुर से आगे प्राथमिक विद्यालय तक ढाई किमी सड़क के लिए एडमिरल जोशी ने प्रयास किया था। उनके प्रयासो के बाद प्रस्ताव तो बना सर्वे के लिए टोकन मनी भी आई। लेकिन अभी तक सड़क नहीं बन पाई। उम्मीद है कि सरकार इस ओर जल्द कार्रवाई करेगी। केंद्रशासित प्रदेश अंडमान-निकोबार के उपराज्यपाल और पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डीके जोशी काफी सादगी पसंद व्यक्ति हैं। उपराज्यपाल बनाए जाने के बाद वह खुद ही अपनी कार ड्राइव कर रानीखेत से दिल्ली पहुंचे थे। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, नौसेना पदक, युद्ध सेवा पदक से नवाजा गया है। 38 वर्षों तक विभिन्न कमान व निदेशात्मक पदों पर नियुक्ति के दौरान उन्होंने देश को अपनी सेवाएं दीं पूर्व नौसेना प्रमुख और अंडमान निकोबार के उप राज्यपाल एडमिरल देवेंद्र कुमार जोशी ने वीरता अलंकरणों के लिए उत्तराखंड सरकार से मिलने वाली राशि को उत्तराखंड शौर्य स्थल को देने को घोषणा की है। की लेकिन अभी तक उम्मीद जगी है. अब पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी, दोनों पहाड़ के काम आ रही है। भव्य सैन्य धाम का भी निर्माण जोर-शोर से चल रहा है भी उम्मीद जगी है.